जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रहे संगठनात्मक चुनाव में नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान भी खुलकर सामने आने लगी है. राजधानी जयपुर शहर में ही मंडल अध्यक्षों की घोषणा अब तक नहीं हो पाई है. वहीं श्रीगंगानगर सहित कुछ जिले ऐसे है, जहां मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बाद स्थानीय भाजपा नेताओं के बीच चल रही खींचतान भी सामने आ गई.
प्रदेश भाजपा ने अब तक 25 संगठनात्मक जिलों में मंडल अध्यक्षों की घोषणा की है. जबकि कई जिलों में अब भी कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्षों की घोषणा का इंतजार है.
इन जिलों में अटकी घोषणा...
प्रदेश भाजपा में अभी कई ऐसे संगठनात्मक जिले और उनकी विधानसभा इकाइयां है, जहां मंडल अध्यक्ष घोषणा नहीं हो पाई. इनमें जयपुर शहर में आने वाले सभी मंडलों में अब तक घोषणा नहीं हुई. वहीं जयपुर दक्षिण के कुछ विधानसभा क्षेत्र बाकी है, जहां मंडल अध्यक्षों की घोषणा होनी है. इसी तरह डूंगरपुर, बाड़मेर जिलों में भी यह घोषणा होनी बाकी है. पार्टी सूत्रों की मानें तो करौली, नागौर शहर और देहात, कोटा शहर व देहात के से ऐसे कई विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां अभी मंडल अध्यक्षों की घोषणा होनी शेष है.
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श्रीगंगानगर में तो रायसिंहनगर विधायक बलवीर लूथरा और सांसद निहालचंद मेघवाल मंडलों में नियुक्ति को लेकर आमने-सामने हैं. मेघवाल मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में उनकी राय को दरकिनार करने का आरोप भी लगा चुके है तो वहीं दोसा में मौजूदा सांसद जसकौर मीणा और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की आपसी खींचतान के चलते मंडल अध्यक्षों की घोषणा नहीं हो पाई.
10 तक नामांकन,11 को होगी समीक्षा बैठक...
प्रदेश सह चुनाव अधिकारी कैलाश मेघवाल के अनुसार जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए 10 दिसंबर तक नामांकन किए जाएंगे और 11 दिसंबर को जयपुर में इसकी समीक्षा के लिए अहम बैठक बुलाई गई है. जिसमें सभी जिलों के चुनाव अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में जिला अध्यक्षों के लिए हुए नामांकन की जानकारी लेकर जयपुर आएंगे. मेघवाल के अनुसार जिलों में 70 फीसदी मंडल अध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं हुई, वहां जिला अध्यक्षों के चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाया जाएगा.