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राज्यसभा चुनाव में उतरे भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा, कहा-मुझे मिलेंगे 45 वोट, कांग्रेस के आरोपों को भी नकारा

राजस्थान के राज्यसभा चुनाव के रण में भाजपा समर्थित निर्दलीय डॉ सुभाष चंद्रा उतर चुके हैं. उनके चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही राज्यसभा चुनाव रोचक हो गया है. हालांकि सुभाष चंद्रा को जीत हासिल (Subhash Chandra in Rajya sabha elections) करने के लिए बीजेपी के 30 वोट के अलावा 11 अतिरिक्त प्रथम वरीयता के वोट हासिल करने होंगे.

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राज्यसभा चुनाव में उतरे भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा
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Published : May 31, 2022, 4:36 PM IST

Updated : May 31, 2022, 10:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान के राज्यसभा के रण में भाजपा समर्थित निर्दलीय डॉ सुभाष चंद्रा के उतरने से अब मुकाबला (Subhash Chandra in Rajya sabha elections) रोचक हो गया है. हालांकि चंद्रा के पास बीजेपी के 30 अतिरिक्त वोट तो है ही लेकिन वे इसके अलावा अन्य विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा भी करते हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ चंद्रा ने इस चुनाव में उन्हें करीब 45 वोट मिलने का दावा किया है.

कांग्रेस के हॉर्स ट्रेडिंग के सवालों को नकारा,कही ये बातः डॉ सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस नेताओं की ओर से लगाए जा रहे हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को भी सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस या अन्य नेता क्या कह रहे हैं मुझे नहीं पता. लेकिन यहां के विधायक मुझे पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों ने मेरा पिछले राज्यसभा में काम को भी देखा है. डॉ चंद्रा ने कहा कि मेरा जिस राज्य से प्रतिनिधित्व चल रहा है वहां भी मैंने काफी काम किया है. ऐसे में यहां के विधायक मुझे चुनेंगे और मत भी देंगे.

राज्यसभा चुनाव में उतरे भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा

उलटफेर का विषय नहीं, करीब 45 विधायक देंगे मुझे वोटः ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब डॉ सुभाष चंद्रा से साल 2016 में हरियाणा राज्यसभा चुनाव में उनके उतरने के दौरान हुए उलटफेर को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ना तो वहां कोई उलटफेर हुआ था और ना यहां कोई उलटफेर का विषय है. डॉ चंद्रा ने कहा कि यहां के विधायक मुझे पसंद करते हैं और वो मुझे ही चुनकर मत देंगे. डॉ चन्द्रा ने कहा मुझे आशा है कि भाजपा के 30 वोटों के साथ ही अतिरिक्त 14 से 15 वोट और मुझे मिलेंगे.

पढे़ं. Rajya Sabha Elections: भगवान गणेश की धोक लगाकर कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों ने किया नामांकन दाखिल

चंद्रा ने इस चुनाव में करीब 45 वोट मिलने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद भाजपा आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व से राजस्थान से यह चुनाव लड़ने का आग्रह किया था और कुछ निर्दलीय से बात की. तभी मैंने यह हिम्मत की और नामांकन भरा. डॉ सुभाष चंद्रा ने खुद को राजस्थान का शुभचिंतक बताया और कहा कि राजस्थान में खुशहाली हो और डेवलपमेंट के लिहाज से आगे बढ़े यही मेरा विचार है.

राजस्थान है जन्मभूमि, राजस्थानी भाषा में की ये अपीलः डॉक्टर सुभाष चंद्रा भले ही पिछली बार हरियाणा से राज्यसभा सांसद रहे हों, लेकिन उनकी जन्मभूमि राजस्थान ही है. डॉक्टर चंद्रा बताते हैं कि राजस्थान के फतेहपुर शेखावटी में आज भी उनका पैतृक मकान और मंदिर है. जिसमें वो आया जाया करते हैं. डॉक्टर चंद्रा ने राजस्थान के विधायकों से राजस्थानी भाषा में ही समर्थन देने की अपील की और कहा कि मैं राजस्थान के लिए नया नहीं हूं, राजस्थान से ही हूं. उन्होंने सभी दलों के विधायकों से करबद्ध प्रार्थना करते हुए समर्थन की अपील की. साथ ही यह भी आश्वासन दिलाया कि राज्यसभा सदस्य के रूप में वे राजस्थान सरकार और यहां के लोगों के हित की जो भी बात होगी उसे पुरजोर तरीके से रखूंगा और अपना काम पूरा करूंगा.

भाजपा विधायक बने प्रस्तावक, बैठक में भी हुए शामिलः इससे पहले मंगलवार को डॉ सुभाष चंद्रा ने भाजपा के समर्थन से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया. उनके प्रस्तावक के रूप में विधायक वासुदेव देवनानी,चंद्रकांता मेघवाल, नरपत सिंह राजवी व वासुदेव देवनानी सहित अन्य विधायक शामिल हुए. नामांकन दाखिल कराने के दौरान भी प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य विधायक मौजूद रहे. इससे पहले ना पक्ष लॉबी में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में भी डॉ सुभाष चंद्रा शामिल हुए और वहां पार्टी से जुड़े आला नेताओं ने उनका अभिवादन किया.

पढ़ें. Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव को लेकर सीएम गहलोत ने विधायकों के साथ की बैठक, 60 से ज्यादा विधायक हुए शामिल, कई रहे नदारद

चुनावी रणनीति के तहत नहीं बने भाजपा प्रत्याशी, निर्दलीय ही उतरे मैदान मेंः डॉ सुभाष चंद्रा एक रणनीति के तहत इन चुनावों में भाजपा का प्रत्याशी ना बन कर निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे. हालांकि बीजेपी का उन्हें पूरा समर्थन है लेकिन निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से वो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के तीनों विधायकों का भी समर्थन हासिल कर पाएंगे. उसके अलावा निर्दलीय व छोटे राजनीतिक दलों के विधायकों से भी अपने पक्ष में समर्थन का प्रयास कर सकेंगे जो कहीं ना कहीं पूर्व में बीजेपी से नाराज चल रहे थे.

मौजूदा चुनाव में डॉक्टर सुभाष चंद्रा को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोटों की आवश्यकता है. बीजेपी के पास कुल 71 वोट हैं, जिसमें से प्रथम वरीयता के शुरुआती 40 वोट भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवारी को दिए जाएंगे. जबकि बचे हुए 30 सर प्लस वोट समर्थित प्रत्याशी डॉक्टर सुभाष चंद्रा के खाते में जाएंगे. इसके अलावा भी जीत के लिए डॉ सुभाष चंद्रा को 11 अतिरिक्त प्रथम वरीयता के वोट हासिल करने होंगे.

पढ़ें. Rajya Sabha Elections: भाजपा ने नहीं किया संपर्क, निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार के साथ : राजकुमार गौड़

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव लड़ चुके हैं चंद्रा, तब हुआ था बड़ा उलटफेरः सुभाष चंद्रा इससे पहले भी साल 2016 में हरियाणा से राज्यसभा सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. तब भी उनके पास पर्याप्त विधायकों का संख्या बल नहीं था लेकिन कांग्रेस के 14 वोट कैंसिल होने के कारण चंद्रा ने जीत हासिल की थी. बताया जा रहा है कि गलत पेन और स्याही के चलते उस समय हरियाणा राज्यसभा चुनाव में यह बड़ा उलटफेर हुआ था और रद्द हुए 14 वोटों ने सुभाष चंद्रा को राज्यसभा तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उस चुनाव में भी डॉ सुभाष चंद्रा को भाजपा ने ही समर्थन दिया था. तब वे भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे. अब राजस्थान में भी उनके चुनावी रण में उतरने के बाद एक बड़े सियासी उलटफेर की संभावना बन गई है.

कौन है डॉ सुभाष चंद्राः डॉ सुभाष चंद्रा की गिनती देश के जाने माने उद्योगपतियों में होती है. डॉ चंद्रा एक मोटिवेशनल स्पीकर तो है ही साथ ही एक मीडिया समूह और एस्सेल समूह के चेयरमैन भी हैं. डॉ चंद्रा हरियाणा से साल 2016 में राज्यसभा सदस्य भी चुने गए थे.

जयपुर. राजस्थान के राज्यसभा के रण में भाजपा समर्थित निर्दलीय डॉ सुभाष चंद्रा के उतरने से अब मुकाबला (Subhash Chandra in Rajya sabha elections) रोचक हो गया है. हालांकि चंद्रा के पास बीजेपी के 30 अतिरिक्त वोट तो है ही लेकिन वे इसके अलावा अन्य विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा भी करते हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ चंद्रा ने इस चुनाव में उन्हें करीब 45 वोट मिलने का दावा किया है.

कांग्रेस के हॉर्स ट्रेडिंग के सवालों को नकारा,कही ये बातः डॉ सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस नेताओं की ओर से लगाए जा रहे हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को भी सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस या अन्य नेता क्या कह रहे हैं मुझे नहीं पता. लेकिन यहां के विधायक मुझे पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों ने मेरा पिछले राज्यसभा में काम को भी देखा है. डॉ चंद्रा ने कहा कि मेरा जिस राज्य से प्रतिनिधित्व चल रहा है वहां भी मैंने काफी काम किया है. ऐसे में यहां के विधायक मुझे चुनेंगे और मत भी देंगे.

राज्यसभा चुनाव में उतरे भाजपा समर्थित डॉ सुभाष चंद्रा

उलटफेर का विषय नहीं, करीब 45 विधायक देंगे मुझे वोटः ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब डॉ सुभाष चंद्रा से साल 2016 में हरियाणा राज्यसभा चुनाव में उनके उतरने के दौरान हुए उलटफेर को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ना तो वहां कोई उलटफेर हुआ था और ना यहां कोई उलटफेर का विषय है. डॉ चंद्रा ने कहा कि यहां के विधायक मुझे पसंद करते हैं और वो मुझे ही चुनकर मत देंगे. डॉ चन्द्रा ने कहा मुझे आशा है कि भाजपा के 30 वोटों के साथ ही अतिरिक्त 14 से 15 वोट और मुझे मिलेंगे.

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चंद्रा ने इस चुनाव में करीब 45 वोट मिलने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद भाजपा आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व से राजस्थान से यह चुनाव लड़ने का आग्रह किया था और कुछ निर्दलीय से बात की. तभी मैंने यह हिम्मत की और नामांकन भरा. डॉ सुभाष चंद्रा ने खुद को राजस्थान का शुभचिंतक बताया और कहा कि राजस्थान में खुशहाली हो और डेवलपमेंट के लिहाज से आगे बढ़े यही मेरा विचार है.

राजस्थान है जन्मभूमि, राजस्थानी भाषा में की ये अपीलः डॉक्टर सुभाष चंद्रा भले ही पिछली बार हरियाणा से राज्यसभा सांसद रहे हों, लेकिन उनकी जन्मभूमि राजस्थान ही है. डॉक्टर चंद्रा बताते हैं कि राजस्थान के फतेहपुर शेखावटी में आज भी उनका पैतृक मकान और मंदिर है. जिसमें वो आया जाया करते हैं. डॉक्टर चंद्रा ने राजस्थान के विधायकों से राजस्थानी भाषा में ही समर्थन देने की अपील की और कहा कि मैं राजस्थान के लिए नया नहीं हूं, राजस्थान से ही हूं. उन्होंने सभी दलों के विधायकों से करबद्ध प्रार्थना करते हुए समर्थन की अपील की. साथ ही यह भी आश्वासन दिलाया कि राज्यसभा सदस्य के रूप में वे राजस्थान सरकार और यहां के लोगों के हित की जो भी बात होगी उसे पुरजोर तरीके से रखूंगा और अपना काम पूरा करूंगा.

भाजपा विधायक बने प्रस्तावक, बैठक में भी हुए शामिलः इससे पहले मंगलवार को डॉ सुभाष चंद्रा ने भाजपा के समर्थन से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया. उनके प्रस्तावक के रूप में विधायक वासुदेव देवनानी,चंद्रकांता मेघवाल, नरपत सिंह राजवी व वासुदेव देवनानी सहित अन्य विधायक शामिल हुए. नामांकन दाखिल कराने के दौरान भी प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य विधायक मौजूद रहे. इससे पहले ना पक्ष लॉबी में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में भी डॉ सुभाष चंद्रा शामिल हुए और वहां पार्टी से जुड़े आला नेताओं ने उनका अभिवादन किया.

पढ़ें. Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव को लेकर सीएम गहलोत ने विधायकों के साथ की बैठक, 60 से ज्यादा विधायक हुए शामिल, कई रहे नदारद

चुनावी रणनीति के तहत नहीं बने भाजपा प्रत्याशी, निर्दलीय ही उतरे मैदान मेंः डॉ सुभाष चंद्रा एक रणनीति के तहत इन चुनावों में भाजपा का प्रत्याशी ना बन कर निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे. हालांकि बीजेपी का उन्हें पूरा समर्थन है लेकिन निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से वो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के तीनों विधायकों का भी समर्थन हासिल कर पाएंगे. उसके अलावा निर्दलीय व छोटे राजनीतिक दलों के विधायकों से भी अपने पक्ष में समर्थन का प्रयास कर सकेंगे जो कहीं ना कहीं पूर्व में बीजेपी से नाराज चल रहे थे.

मौजूदा चुनाव में डॉक्टर सुभाष चंद्रा को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोटों की आवश्यकता है. बीजेपी के पास कुल 71 वोट हैं, जिसमें से प्रथम वरीयता के शुरुआती 40 वोट भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवारी को दिए जाएंगे. जबकि बचे हुए 30 सर प्लस वोट समर्थित प्रत्याशी डॉक्टर सुभाष चंद्रा के खाते में जाएंगे. इसके अलावा भी जीत के लिए डॉ सुभाष चंद्रा को 11 अतिरिक्त प्रथम वरीयता के वोट हासिल करने होंगे.

पढ़ें. Rajya Sabha Elections: भाजपा ने नहीं किया संपर्क, निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार के साथ : राजकुमार गौड़

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव लड़ चुके हैं चंद्रा, तब हुआ था बड़ा उलटफेरः सुभाष चंद्रा इससे पहले भी साल 2016 में हरियाणा से राज्यसभा सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. तब भी उनके पास पर्याप्त विधायकों का संख्या बल नहीं था लेकिन कांग्रेस के 14 वोट कैंसिल होने के कारण चंद्रा ने जीत हासिल की थी. बताया जा रहा है कि गलत पेन और स्याही के चलते उस समय हरियाणा राज्यसभा चुनाव में यह बड़ा उलटफेर हुआ था और रद्द हुए 14 वोटों ने सुभाष चंद्रा को राज्यसभा तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उस चुनाव में भी डॉ सुभाष चंद्रा को भाजपा ने ही समर्थन दिया था. तब वे भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे. अब राजस्थान में भी उनके चुनावी रण में उतरने के बाद एक बड़े सियासी उलटफेर की संभावना बन गई है.

कौन है डॉ सुभाष चंद्राः डॉ सुभाष चंद्रा की गिनती देश के जाने माने उद्योगपतियों में होती है. डॉ चंद्रा एक मोटिवेशनल स्पीकर तो है ही साथ ही एक मीडिया समूह और एस्सेल समूह के चेयरमैन भी हैं. डॉ चंद्रा हरियाणा से साल 2016 में राज्यसभा सदस्य भी चुने गए थे.

Last Updated : May 31, 2022, 10:30 PM IST
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