जयपुर. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुए राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के महिलाओं को लेकर दिए बयान पर विवाद गहराता जा रहा है. डोटासरा ने कहा ने कहा था कि जिस स्कूलों में महिला स्टाफ ज्यादा होता है, वहां आपस के झगड़े खूब होते हैं. डोटासरा के इसी बयान को भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर ने महिला विरोधी और दूषित मानसिकता वाला बयान करार दिया है.
डॉ. अलका सिंह गुर्जर ने बुधवार को एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का यह बयान बेहद शर्मनाक है. गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यह नहीं भूले कि उन्हीं की पार्टी की प्रतिभा सिंह पाटिल देश की राष्ट्रपति बनी. इंदिरा गांधी देश के प्रधानमंत्री बनीं और मीरा सिंह लोकसभा के अध्यक्ष पद तक पहुंची.
अलका सिंह ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में सक्षम है और पुरुष से ज्यादा काम करती है क्योंकि उनके पास घर और सामाजिक जिम्मेदारियां तो होती ही है इसके अलावा जो कार्य उन्हें मिलता है, उसे भी बखूबी निभाती हैं. गुर्जर के अनुसार गोविंद सिंह डोटासरा का यदि महिलाओं के बारे में यह व्यक्तिगत अनुभव है तो बात और है लेकिन महिला शक्ति को भाजपा पर केंद्र की मोदी सरकार ने हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है. यही कारण है कि आज देश की वित्त मंत्री महिला के रूप में निर्मला सीतारमण है.
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गुर्जर ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय का निर्माण करवाया. उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर कनेक्शन मुफ्त दिलवाए. जनधन के खाते भी महिलाओं के नाम पर खुलवाए गए और प्रधानमंत्री आवास योजना में भी रजिस्ट्री महिलाओं के नाम से ही की गई. यह तमाम कदम महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले हैं.
ज्ञानदेव आहूजा ने भी साधा डोटासरा पर निशाना
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि शिक्षा मंत्री क्या भीक्षा मंत्री भी इस तरह का बयान नहीं दे सकते, जो प्रदेश के शिक्षा मंत्री दे रहे हैं. डोटासरा कभी महिलाओं का अपमान करते हैं. तो कभी महिलाओं पर असामाजिक और शर्मनाक टिप्पणी करते हैं. इन के शासनकाल में कभी आरपीएससी में घोटाले सामने आ रहे हैं. अभी रीट की परीक्षा के घोटाले प्रदेश की जनता के सामने आए. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री अपनी खुद की कटी हुई नाक को बचाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं.
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि इस तरह के बयान देने वाले शिक्षा मंत्री के लिए सरकार में कोई जगह नहीं होनी चाहिए लेकिन सरकार के मुखिया खुद मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर सेंसलेस होने का आरोप लगा रहे हैं. जब ऐसे शर्मनाक मुख्यमंत्री और शर्मनाक शिक्षा मंत्री हो तो भगवान इस प्रदेश को बचाएं. आहूजा ने एक कहावत कहते हुए कहा कि एक ही उल्लू काफी था बर्बाद गुलिस्तां करने को, जब हर डाल पर उल्लू बैठा हूं तो अंजाम ए राजस्थान और अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा. उन्होंने कहा कि दोनों को इस्तीफा देना चाहिए. किसी और को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बनना चाहिए, जो इस प्रदेश को बेहतर चला सके.