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पिछले 7 विधानसभा उपचुनाव में मोदी के ये 5 सांसद नहीं खिला पाए कमल, केवल दीया कुमारी ने बचाई लाज

प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं. ये सीटें जिन भाजपा सांसदों के संसदीय क्षेत्र में आती हैं, वे ही सांसद पार्टी को जीत नहीं दिलवा पाए. हालांकि राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी अपने क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा का कमल खिलाने में सफल रहीं.

BJP MPs report card of Raj bypolls
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Published : Nov 4, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Nov 4, 2021, 5:36 PM IST

जयपुर. वल्लभनगर व धरियावद विधानसभा (विस) उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली तो पार्टी के पुराने वो जख्म भी हरे हो गए, जो पिछले उपचुनाव में भाजपा सांसदों के ही क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की हार से मिले थे. मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में 7 उपचुनाव हुए. इनमें से 6 में भाजपा ने ताल ठोकी, लेकिन जीत राजसमंद में ही नसीब हुई. यह स्थिति तो तब है, जब उपचुनाव वाली विधानसभा सीटें भाजपा सांसदों के संसदीय क्षेत्र में आती हैं.

पीएम मोदी के ऐसे पांच सांसद हैं जो अपने ही क्षेत्र में भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाए. ये वो सांसद हैं, जिनके संसदीय क्षेत्रों में आने वाली विधानसभा सीटों पर यह उपचुनाव हुए, लेकिन 'कमल' नहीं खिल पाया. प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2019 में 2 सीटों पर, अप्रैल 2021 में 3 सीटों पर और हाल ही अक्टूबर 2021 में 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं.

वल्लभनगर व धरियावद विधानसभा उपचुनाव

पढ़ें : Deepawali 2021: दीपावली पूजन के बाद बोले पूनिया- 'मोदी सरकार ने दिया दिवाली गिफ्ट,अब प्रदेश सरकार की बारी'

मोदी के ये पांच सांसद अपने ही घर में नहीं खिला पाए भाजपा का कमल -

1 नरेंद्र कुमार (झुंझुनू) - अक्टूबर 2019 में प्रदेश में 2 सीटों मंडावा और आंसर पर विधानसभा उपचुनाव हुए. मंडावा सीट झुंझुनू संसदीय क्षेत्र में आती है जहां भाजपा सांसद नरेंद्र कुमार हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सांसद मंडावा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का कमल नहीं खिलवा पाया. यहां कांग्रेस की रीटा चौधरी ने बाजी मारी. हालांकि खींवसर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-आरएलपी गठबंधन के तहत बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा.

2 सुभाष बेहड़िया (भीलवाड़ा) - अप्रैल 2021 में प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें सहाड़ा सीट भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र में आती है. यहां भाजपा के सांसद सुभाष बहेड़िया हैं. सहाड़ा उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली और कांग्रेस की गायत्री देवी विजय रहीं. मतलब बेहड़िया अपने ही संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा में भाजपा का कमल खिलाने में असफल रहे थे.

3 राहुल कसवा (चूरू) - अप्रैल 2021 में ही चूरू संसदीय क्षेत्र में आने वाली सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें भाजपा को करारी हार मिली. यहां कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त दी. मतलब चूरू से भाजपा सांसद कसवा भी अपने ही क्षेत्र में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के सिर जीत का ​सेहरा नहीं बंधवा सके.

4 सीपी जोशी (चित्तौड़गढ़) - हाल ही में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में आने वाली वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ. यहां पर भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की तो जमानत ही जप्त हो गई. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद सीपी जोशी हैं. उपचुनाव में जोशी सह-प्रभारी भी थे और झाला उनकी ही सिफारिश पर यहां से प्रत्याशी बने लेकिन इस विधानसभा सीट पर भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा.

5 अर्जुनलाल मीणा (उदयपुर) - हाल ही में धरियावद विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ जिसमें भाजपा का प्रत्याशी खेत सिंह मीणा तीसरे नंबर पर रहा. धरियावद विधानसभा उदयपुर और चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में आती है. जहां भाजपा के ही उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा हैं. मीणा अपने संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर भाजपा का कमल खिलाने में फिसड्डी साबित हुए.

पढ़ें : केंद्र के Excise Duty कम करने के साथ ही राज्यों का उसी अनुपात में VAT स्वतः ही कम हो जाता है: सीएम गहलोत

एकमात्र सांसद दीया कुमारी ने बचाई लाज-

पिछले 3 साल में हुए विधानसभा उपचुनावों में मोदी सरकार के 5 सांसद अपने ही क्षेत्र में बीजेपी का कमल खिलाने में नाकाम रहे लेकिन राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी अपने क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा का कमल खिलाने में सफल रहीं. अप्रैल 2021 में राजसमंद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी ने जीत हासिल की. यह सीट राजसमंद संसदीय क्षेत्र में ही आती है. यहां दीया कुमारी ने उपचुनाव में काफी मेहनत की थी जिसका परिणाम भाजपा के पक्ष में रहा.

पढ़ें : राज्य कर्मचारियों को दिवाली 'गिफ्ट': सीएम गहलोत ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिया जुलाई से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता

पार्टी आलाकमान तक पहुचीं इन सांसदों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट-

गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल में जो उपचुनाव हुए और भाजपा के खाते में हार हुई, इसकी रिपोर्ट ना केवल प्रदेश भाजपा बल्कि पार्टी आलाकमान तक पहुंची है. जिन संसदीय क्षेत्रों में भाजपा के सांसद थे, लेकिन वहां आने वाली विधानसभा सीटों पर बीजेपी की हार हुई तो उसके कारणों की रिपोर्ट भी पार्टी आलाकमान ने जुटाई है और जो फीडबैक मिला है उसी के आधार पर अब इन सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा.

जयपुर. वल्लभनगर व धरियावद विधानसभा (विस) उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली तो पार्टी के पुराने वो जख्म भी हरे हो गए, जो पिछले उपचुनाव में भाजपा सांसदों के ही क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों की हार से मिले थे. मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में 7 उपचुनाव हुए. इनमें से 6 में भाजपा ने ताल ठोकी, लेकिन जीत राजसमंद में ही नसीब हुई. यह स्थिति तो तब है, जब उपचुनाव वाली विधानसभा सीटें भाजपा सांसदों के संसदीय क्षेत्र में आती हैं.

पीएम मोदी के ऐसे पांच सांसद हैं जो अपने ही क्षेत्र में भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाए. ये वो सांसद हैं, जिनके संसदीय क्षेत्रों में आने वाली विधानसभा सीटों पर यह उपचुनाव हुए, लेकिन 'कमल' नहीं खिल पाया. प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद अक्टूबर 2019 में 2 सीटों पर, अप्रैल 2021 में 3 सीटों पर और हाल ही अक्टूबर 2021 में 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं.

वल्लभनगर व धरियावद विधानसभा उपचुनाव

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मोदी के ये पांच सांसद अपने ही घर में नहीं खिला पाए भाजपा का कमल -

1 नरेंद्र कुमार (झुंझुनू) - अक्टूबर 2019 में प्रदेश में 2 सीटों मंडावा और आंसर पर विधानसभा उपचुनाव हुए. मंडावा सीट झुंझुनू संसदीय क्षेत्र में आती है जहां भाजपा सांसद नरेंद्र कुमार हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सांसद मंडावा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का कमल नहीं खिलवा पाया. यहां कांग्रेस की रीटा चौधरी ने बाजी मारी. हालांकि खींवसर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-आरएलपी गठबंधन के तहत बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा.

2 सुभाष बेहड़िया (भीलवाड़ा) - अप्रैल 2021 में प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें सहाड़ा सीट भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र में आती है. यहां भाजपा के सांसद सुभाष बहेड़िया हैं. सहाड़ा उपचुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली और कांग्रेस की गायत्री देवी विजय रहीं. मतलब बेहड़िया अपने ही संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा में भाजपा का कमल खिलाने में असफल रहे थे.

3 राहुल कसवा (चूरू) - अप्रैल 2021 में ही चूरू संसदीय क्षेत्र में आने वाली सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें भाजपा को करारी हार मिली. यहां कांग्रेस के मनोज मेघवाल ने भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त दी. मतलब चूरू से भाजपा सांसद कसवा भी अपने ही क्षेत्र में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के सिर जीत का ​सेहरा नहीं बंधवा सके.

4 सीपी जोशी (चित्तौड़गढ़) - हाल ही में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में आने वाली वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ. यहां पर भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की तो जमानत ही जप्त हो गई. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद सीपी जोशी हैं. उपचुनाव में जोशी सह-प्रभारी भी थे और झाला उनकी ही सिफारिश पर यहां से प्रत्याशी बने लेकिन इस विधानसभा सीट पर भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा.

5 अर्जुनलाल मीणा (उदयपुर) - हाल ही में धरियावद विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ जिसमें भाजपा का प्रत्याशी खेत सिंह मीणा तीसरे नंबर पर रहा. धरियावद विधानसभा उदयपुर और चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में आती है. जहां भाजपा के ही उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा हैं. मीणा अपने संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर भाजपा का कमल खिलाने में फिसड्डी साबित हुए.

पढ़ें : केंद्र के Excise Duty कम करने के साथ ही राज्यों का उसी अनुपात में VAT स्वतः ही कम हो जाता है: सीएम गहलोत

एकमात्र सांसद दीया कुमारी ने बचाई लाज-

पिछले 3 साल में हुए विधानसभा उपचुनावों में मोदी सरकार के 5 सांसद अपने ही क्षेत्र में बीजेपी का कमल खिलाने में नाकाम रहे लेकिन राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी अपने क्षेत्र में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा का कमल खिलाने में सफल रहीं. अप्रैल 2021 में राजसमंद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी ने जीत हासिल की. यह सीट राजसमंद संसदीय क्षेत्र में ही आती है. यहां दीया कुमारी ने उपचुनाव में काफी मेहनत की थी जिसका परिणाम भाजपा के पक्ष में रहा.

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पार्टी आलाकमान तक पहुचीं इन सांसदों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट-

गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल में जो उपचुनाव हुए और भाजपा के खाते में हार हुई, इसकी रिपोर्ट ना केवल प्रदेश भाजपा बल्कि पार्टी आलाकमान तक पहुंची है. जिन संसदीय क्षेत्रों में भाजपा के सांसद थे, लेकिन वहां आने वाली विधानसभा सीटों पर बीजेपी की हार हुई तो उसके कारणों की रिपोर्ट भी पार्टी आलाकमान ने जुटाई है और जो फीडबैक मिला है उसी के आधार पर अब इन सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा.

Last Updated : Nov 4, 2021, 5:36 PM IST
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