जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच भाजपा के चार विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसके बाद सदन में हुए हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी चारों निलंबित विधायक समेत भाजपा के अन्य विधायक सदन से बाहर नहीं निकले. भाजपा के सभी विधायक सदन में धरने पर बैठ (BJP MLA protest in the Rajasthan Assembly) गए.
हालांकि कुछ देर बाद नाराज भाजपा विधायकों का धरना समाप्त हो गया. स्पीकर ने चारों निलंबित विधायकों को ना पक्ष लॉबी तक जाने की अनुमति दे दी. लेकिन चारों निलंबित विधायकों का सदन के अंदर प्रवेश वर्जित रहेगा.
गुरुवार को विधानसभा शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायक रीट पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. इस बीच एक के बाद एक चार बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई. चौथी बार राजस्थान विधानसभा को जब स्थगित किया गया, उसका कारण बना भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के बीच हुआ टकराव.
इस टकराव का नतीजा यह निकला की पांचवी बार जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा के 4 विधायकों रामलाल शर्मा, मदन दिलावर, चंद्रभान सिंह आक्या और अविनाश गहलोत को विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रख दिया. जिसे सदन की अनुमति से सभापति राजेंद्र पारीक ने पास भी कर दिया.
लेकिन इस निलंबन के बावजूद चारों विधायक सदन से बाहर नहीं गए. भाजपा विधायकों ने विधानसभा में जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया. हालात यह बने की बलवान पूनिया दूसरी बार भी अपनी बात पूरी नहीं कर सके और सदन की कार्यवाही को शुक्रवार 11 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया गया. लेकिन विधानसभा के स्थगित होने के बावजूद भी अब तक विवाद शांत नहीं हो सका है और चारों निलंबित विधायकों समेत सभी भाजपा विधायक सदन में धरने पर बैठ गए. भाजपा विधायक अब भी सदन में बैठकर धरना दे रहे हैं और यह कहते नजर आ रहे हैं कि वह अब रात को भी विधानसभा में ही रहेंगे.
सत्ता पक्ष ने की अभद्रता
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि आज इस तरीके से सदन के अंदर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्ष के साथ आचरण किया वह संसदीय लोकतंत्र में पहली बार हुआ है. विपक्ष के सदस्य रीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे.
इस बीच सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जिस तरह से विपक्ष महिला सदस्यों के साथ में गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया. वह अशोभनीय था और सत्ता पक्ष ने मेजॉरटी का लाभ उठाते हुए आनन-फानन में विपक्ष के चार सदस्यों को सस्पेंड कर दिया. यह भी उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन था. राठौड़ ने कहा कि विपक्ष के साथियों के निलंबन के विरोध में विपक्ष की ओर सदन में आज रात अनिश्चितकाल धरना दिया जाएगा. यह धरना कल भी जारी रहेगा, कल शाम को आगे की रणनीति पर चर्चा होगी .
सदन में मेवाड़ी बोलः नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने धरने के बीच सदन में मेवाड़ी गीत सुनाए, 'देखो जवानी रो जोस ओ साथी'. इस पर बाकी सदस्य भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए दिखे, वैल में बैठकर सभी ने गीत के जरिए अपने विरोध को सरकार के प्रति प्रकट किया.
कल विधायक दल की बैठक कर बनाएंगे आगे की रणनीति
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष ने हमारे साथ अभद्रता की. हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की गई. हमारे विधायकों के हाथ से पर्चे छीनकर फाड़ दिए गए. महिला सदस्यों के साथ भी अभद्रता की गई. ऐसा पहले कभी भी नहीं हुआ है. कांग्रेस सरकार को इसका खामियाजा चुकाना पड़ेगा. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने आवाज उठाई तो सदन से निलंबित कर दिया गया. कल हम फिर आवाज उठाएंगे. कल हम विधायक दल की बैठक करेंगे और फिर आगे की रणनीति तैयार करेंगे.