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सरकार पर सवाल : भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राज्यपाल से मुलाकात, गहलोत सरकार पर लगाया गंभीर आरोप...

राजस्थान में जिला प्रमुख और प्रधान के चुनाव की गहमागहमी के बीच भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. मोर्चा ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर अल्पसंख्यक समाज के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राज्यपाल से मुलाकात
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राज्यपाल से मुलाकात
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Published : Sep 6, 2021, 3:37 PM IST

जयपुर. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान के नेतृत्व में राज्यपाल से हुई इस मुलाकात के दौरान मोर्चा पदाधिकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए अल्पसंख्यकों से जुड़ी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया.

राजभवन में सोमवार को हुई इस मुलाकात के दौरान मोर्चा पदाधिकारियों ने गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यक समाज की समस्याओं का समाधान नहीं होने का आरोप लगाया. साथ ही बिंदुवार उसका विवरण भी रखा. खान ने बताया कि प्रदेश भर में असिस्टेंट प्रोफेसर उर्दू के 28 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन 18 दिसंबर 2020 को जारी होने वाले भर्ती विज्ञापन में महज 5 पदों को ही शामिल किया गया.

खान ने बताया कि साल 2013-14 के बजट की बिंदु संख्या 92 में प्रत्येक जिला मुख्यालय और अल्पसंख्यक बाहुल्य विकास खंडों में अल्पसंख्यक समुदाय के बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास खोले जाने की घोषणा की गई थी. जिसके लिए साल 2013-14 में 56 करोड़ के प्रावधान भी प्रस्तावित किए गए. साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 20 उच्च माध्यमिक आवासीय विद्यालय खोलने की भी घोषणा हुई थी, जिन पर 150 करोड़ की लागत आनी थी. लेकिन आज तक इन घोषणाओं पर अमल नहीं हुआ.

पढ़ें- कोटा यूनिवर्सिटी में हंगामा : प्रदर्शन करने गए छात्रों ने तोड़ा VC सचिवालय का गेट, पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां, दूर तक खदेड़ा

मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साल 2013 में प्रदेश में 308 यूनानी चिकित्सकों की भर्ती बोनस अंक से करने के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन आज तक इन पदों को पुनः सृजित नहीं करवाया गया. इसी तरह 2 अक्टूबर 2013 को यानि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी जोधपुर के फाउंडेशन के दौरान 10 करोड़ रुपये देने की बात कही थी, लेकिन राशि अब तक नहीं मिल पाई. इसी तरह मदरसा पैराटीचर को नियमित करने की मांग का भी अब तक समाधान नहीं हुआ.

मोहम्मद सादिक खान ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति करने और अभी तक किसी भी सरकारी विद्यालय में उर्दू का सिलेबस नहीं पहुंच पाने से भी अल्पसंख्यक समाज प्रदेश सरकार से नाराज है. मोर्चा पदाधिकारियों ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार से समाज से जुड़ी इन समस्याओं का समाधान करें.

जयपुर. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सादिक खान के नेतृत्व में राज्यपाल से हुई इस मुलाकात के दौरान मोर्चा पदाधिकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए अल्पसंख्यकों से जुड़ी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया.

राजभवन में सोमवार को हुई इस मुलाकात के दौरान मोर्चा पदाधिकारियों ने गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यक समाज की समस्याओं का समाधान नहीं होने का आरोप लगाया. साथ ही बिंदुवार उसका विवरण भी रखा. खान ने बताया कि प्रदेश भर में असिस्टेंट प्रोफेसर उर्दू के 28 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन 18 दिसंबर 2020 को जारी होने वाले भर्ती विज्ञापन में महज 5 पदों को ही शामिल किया गया.

खान ने बताया कि साल 2013-14 के बजट की बिंदु संख्या 92 में प्रत्येक जिला मुख्यालय और अल्पसंख्यक बाहुल्य विकास खंडों में अल्पसंख्यक समुदाय के बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास खोले जाने की घोषणा की गई थी. जिसके लिए साल 2013-14 में 56 करोड़ के प्रावधान भी प्रस्तावित किए गए. साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 20 उच्च माध्यमिक आवासीय विद्यालय खोलने की भी घोषणा हुई थी, जिन पर 150 करोड़ की लागत आनी थी. लेकिन आज तक इन घोषणाओं पर अमल नहीं हुआ.

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मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साल 2013 में प्रदेश में 308 यूनानी चिकित्सकों की भर्ती बोनस अंक से करने के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन आज तक इन पदों को पुनः सृजित नहीं करवाया गया. इसी तरह 2 अक्टूबर 2013 को यानि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी जोधपुर के फाउंडेशन के दौरान 10 करोड़ रुपये देने की बात कही थी, लेकिन राशि अब तक नहीं मिल पाई. इसी तरह मदरसा पैराटीचर को नियमित करने की मांग का भी अब तक समाधान नहीं हुआ.

मोहम्मद सादिक खान ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति करने और अभी तक किसी भी सरकारी विद्यालय में उर्दू का सिलेबस नहीं पहुंच पाने से भी अल्पसंख्यक समाज प्रदेश सरकार से नाराज है. मोर्चा पदाधिकारियों ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार से समाज से जुड़ी इन समस्याओं का समाधान करें.

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