जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक में मंजूर हुए नागरिकता संशोधन बिल पर जारी वाद-विवाद के बीच प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है. राजस्थान भाजपा नेताओं के अनुसार नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका है.
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली ने बताया कि कानून में संशोधन के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को और आसान कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में गैर मुस्लिम लोग खासतौर पर हिंदू, जैन और सिखों के साथ काफी दुर्व्यवहार होता है और उन्हें प्रताड़ना सहन करना पड़ता है.
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श्रीमाली ने बताया कि वे शरणार्थी के रूप में भारत आते हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने का काम किया है. उन्होंने बताया कि अब इस इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
गौरतलब है कि वर्तमान में किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल यहां रहना अनिवार्य है. लेकिन इस बिल में इसे घटाकर 6 साल कर दिया है. भारत के 3 पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का नियम अब और आसान बनाए जा रहे हैं.