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नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं, बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका हैः बीजेपी

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Published : Dec 4, 2019, 5:18 PM IST

नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर प्रदेश भाजपा नेताओं ने खुशी जाहिर की है. राजस्थान भाजपा नेताओं के अनुसार बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका है.

नागरिकता संशोधन बिल पर बोले राजस्थान भाजपा नेता , Citizenship amendment bill
नागरिकता संशोधन बिल पर कैबिनेट मंजूरी पर बोले भाजपा नेता

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक में मंजूर हुए नागरिकता संशोधन बिल पर जारी वाद-विवाद के बीच प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है. राजस्थान भाजपा नेताओं के अनुसार नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका है.

नागरिकता संशोधन बिल पर कैबिनेट मंजूरी पर बोले भाजपा नेता

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली ने बताया कि कानून में संशोधन के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को और आसान कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में गैर मुस्लिम लोग खासतौर पर हिंदू, जैन और सिखों के साथ काफी दुर्व्यवहार होता है और उन्हें प्रताड़ना सहन करना पड़ता है.

पढ़ें- पाली में पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने के लिए लगा विशेष शिविर

श्रीमाली ने बताया कि वे शरणार्थी के रूप में भारत आते हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने का काम किया है. उन्होंने बताया कि अब इस इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

गौरतलब है कि वर्तमान में किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल यहां रहना अनिवार्य है. लेकिन इस बिल में इसे घटाकर 6 साल कर दिया है. भारत के 3 पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का नियम अब और आसान बनाए जा रहे हैं.

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक में मंजूर हुए नागरिकता संशोधन बिल पर जारी वाद-विवाद के बीच प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है. राजस्थान भाजपा नेताओं के अनुसार नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका है.

नागरिकता संशोधन बिल पर कैबिनेट मंजूरी पर बोले भाजपा नेता

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली ने बताया कि कानून में संशोधन के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को और आसान कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में गैर मुस्लिम लोग खासतौर पर हिंदू, जैन और सिखों के साथ काफी दुर्व्यवहार होता है और उन्हें प्रताड़ना सहन करना पड़ता है.

पढ़ें- पाली में पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता देने के लिए लगा विशेष शिविर

श्रीमाली ने बताया कि वे शरणार्थी के रूप में भारत आते हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने का काम किया है. उन्होंने बताया कि अब इस इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

गौरतलब है कि वर्तमान में किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल यहां रहना अनिवार्य है. लेकिन इस बिल में इसे घटाकर 6 साल कर दिया है. भारत के 3 पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का नियम अब और आसान बनाए जा रहे हैं.

Intro:नागरिकता संशोधन बिल पर कैबिनेट मंजूरी से प्रदेश भाजपा नेता भी खुश

कहा- पाकिस्तान में प्रताड़ित गैर मुस्लिमों को भारत में मिल सकेगी राहत

जयपुर (इंट्रो)
नरेंद्र मोदी कैबिनेट बैठक में मंजूर हुए नागरिकता संशोधन बिल पर जारी वाद-विवाद के बीच प्रदेश भाजपा नेताओं ने इस बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है। राजस्थान भाजपा से जुड़े नेताओं के अनुसार नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर भेद नहीं बल्कि देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने का तरीका है ।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली के अनुसार कानून में संशोधन के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध,जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता के नियमों को और आसान कर दिया जाएगा। श्रीमाली के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में गैर मुस्लिम लोग खासतौर पर हिंदू जैन और सिखों के साथ काफी दूर व्यवहार होता है उन्होंने प्रताड़ना सहन करना पड़ती है। लिहाजा वे शरणार्थी के रूप में भारत में आते हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने ऐसे लोगों को राहत देने का काम किया है। श्रीमाली के अनुसार अब इस इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि वर्तमान में किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल यहां रहना अनिवार्य है लेकिन इस बिल में फिर से 6 साल कर दिया है या आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के 3 पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का नियम अब और आसान बनाए जा रहै है।

बाईट- जितेंद्र श्रीमाली, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
(Edited vo pkg)


Body:बाईट- जितेंद्र श्रीमाली, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
(Edited vo pkg)


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