जयपुर. मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से गांधीनगर इलाके में धरना दे रही आशा सहयोगियों की गिरफ्तारी पर सियासत भड़क गई है. गुरुवार की अल सुबह 12 आशा सहयोगिनी को शांति-भंग मामले में गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद भाजपा ने इसकी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है.
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुमन शर्मा ने इस मामले में सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी महिलाएं शांति पूर्वक अपना धरना दे रही थी. सरकार को चाहिए था कि इन से वार्ता कर इनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लें लेकिन सरकार अब दमनकारी नीति अपना रही है, जो किसी भी तरह से उचित नहीं माना जा सकता.
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सुमन शर्मा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार किसानों के हितैषी होने का दावा करते हुए कई ट्वीट करते हैं लेकिन उनके ही प्रदेश में पिछले कई दिनों से आशा सहयोगिनी अपना मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी है लेकिन इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया. सुमन शर्मा ने मुख्यमंत्री से प्रदर्शनकारी आशा सहयोगिनियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय करते हुए इन्हें राहत देने की मांग की.