जयपुर. पंचायत राज चुनाव के बीच प्रदेश में नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने विपक्ष के रूप में भाजपा को नाकाम बताया तो जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी गोविंद डोटासरा को साल 2023 में 'टोटासरा' बनाने की बात कही. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद डोटासरा के बीच कांग्रेस को खत्म कर पार्टी का बहादुर शाह जफर कौन बनेगा इसकी प्रतिस्पर्धा चल रही है.
मंगलवार को एक बयान जारी कर सतीश पूनिया ने गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोला. पूनिया ने कहा कि भाजपा के खिलाफ कुछ भी बोलने से पहले डोटासरा अपना घर संभाल लें क्योंकि कांग्रेस सरकार अंतर कलह से जूझ रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए डोटासरा इस प्रकार के बयान देते रहते हैं.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ज्योतिष कहता है कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में हर बार कांग्रेस और उसके अध्यक्ष की दुर्गति होती रही है. ऐसे में डोटासरा साल 2023 में 'टोटासरा' हो जाएंगे, क्योंकि कांग्रेस के पास सीटों का टोटा पड़ जाएगा.
डोटासरा के मंत्री पद और पीसीसी चीफ की चाबी बंगला नंबर 8 में है
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गोविंद डोटासरा के मंत्री पद और पीसीसी चीफ की चाबी बंगला नंबर आठ पर है और ऐसा लगता है कि डोटासरा तो खुद ही बलि के बकरे हैं. वही पूनिया ने डोटासरा से पूछा कि क्या उनके पास सचिन पायलट, भरत सिंह, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, रमेश मीणा की ओर से उठाए गए भ्रष्टाचार, विकास कार्यों की उपेक्षा आदि सवालों का जवाब हैं.
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पूनिया ने मुख्यमंत्री गहलोत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री के गले की फांस बना हुआ है. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात से डरे हुए हैं कि जिस दिन मंत्रिमंडल विस्तार होगा कांग्रेस में बड़ा विस्फोट तय है. इसलिए गहलोत जादुई रूप से मंत्रिमंडल विस्तार को टाल रहे हैं जो दर्शाता है कि राज्य में संगठन और सत्ता एक ही व्यक्ति के हाथ में है.
पूनिया ने इस दौरान 6 जिला परिषद चुनाव जीतने का दावा कर रहे गोविंद सिंह डोटासरा को कहा कि पुरानी चोट इतनी जल्दी भूल गए क्या क्योंकि पहले 21 में से सिर्फ 5 जिलों में ही कांग्रेस आई थी और सत्ता में रहते हुए चमत्कार भी पहली बार हुआ था.
दरअसल मंगलवार को गोविंद डोटासरा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था कि भाजपा नेताओं ने ढाई साल में विपक्ष के तौर पर कुछ करने की बजाय केवल मुख्यमंत्री बनने के हसीन सपने देखने का काम किया और आपस में मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई लड़ी है. इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने जुबानी हमला बोला है.