जयपुर. प्रदेश में सियासी घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह बात स्वीकार कर ली है कि बीजेपी और RLP के 75 विधायक और पायलट गुट के 22 विधायक मिलाकर हम 97 विधायक तो स्पष्ट रूप से देख ही रहे हैं. ऐसे में यदि कोर्ट की ओर से बीएसपी विधायक डिबार हुए तो प्रदेश की गहलोत सरकार को दुनिया की कोई ताकत नहीं बचा सकती. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कटारिया ने यह भी कहा कि हम यदि अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तो चर्चा के लिए नहीं, बल्कि उसको निर्णायक दौर पर ले जाने के लिए लाएंगे.
प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में यदि सरकार या कांग्रेस की ओर से हमारे विधायकों से संपर्क या टेलीफोन जैसी कोई घटना सामने आती है तो फिर हम उस स्थिति में आवश्यक कार्रवाई भी करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को एक जगह एकत्रित करके भी रखा जाएगा. हालांकि उससे पहले 11 अगस्त को आने वाले हाईकोर्ट के फैसले पर हमारी नजर है और उसके बाद निश्चित रूप से प्रशिक्षण के लिए विधायकों को एक साथ एक जगह रखा जाएगा.
'अविश्वास मत निर्णायक दौर पर ले जाने के लिए लाएंगे'
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि अभी हम फिलहाल तमाम सियासी आकलन में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को जब सदन जीतेगा, तब हमारा काम शुरू होगा. इस दौरान 11 अगस्त को बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर आने वाले हाईकोर्ट का फैसला भी असर डालेगा.
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भाजपा वरिष्ठ नेता कटारिया ने कहा कि मौजूदा विधायक की गणित क्या बैठती है और सचिन पायलट का रुख क्या रहता है, उन सब को ध्यान में रखने के बाद ही हम अविश्वास प्रस्ताव लाने जैसा कोई निर्णय लेंगे. लेकिन यह तय है कि हम अविश्वास प्रस्ताव उसी स्थिति में लाएंगे, जब हमारे स्तर पर विधायकों की तमाम गणित पूरी कर लें.
पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव केवल चर्चा के लिए नहीं बल्कि निर्णायक दौर पर ले जाने के लिए लाना चाहेंगे. कटारिया ने कहा यदि इससे पहले मुख्यमंत्री खुद विश्वास मत प्रस्ताव सदन में लाते हैं, तब भी सब कुछ साफ हो जाएगा लेकिन मेरा दिल कहता है कि यह सरकार बहुमत में नहीं है.
'गहलोत सरकार बहुमत खो चुकी है'
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार जिस तरह जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट हुई वो यह साबित करता है कि प्रदेश सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. उन्होंने कहा कि पायलट गुट पूरी तरह यूनाइटेड है, जबकि गहलोत गुट में शामिल विधायक इधर-उधर जा सकते हैं. यही डर मुख्यमंत्री को भी सता रहा है, जिसके चलते होटल में जैमर तक लगा दिए गए और विधायकों के साथ पुलिस जवान तैनात किए गए हैं.
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नेता प्रतिपक्ष के अनुसार यह तमाम चीजें इस बात को दर्शाती है कि सरकार बहुमत में नहीं है और आने वाला विधानसभा क्षेत्र बहुत कुछ साफ कर देगा क्योंकि वह सरकार के लिए निर्णायक साबित होने वाला है.
'हुड़ला और टांक हमारी विचारधारा के हैं'
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का यह भी मानना है की निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला और सुरेश टांक भले ही पूर्व में बीजेपी विचारधारा के रहे हो, लेकिन वर्तमान में वे सचिन पायलट गुट के नजदीक हैं. यही कारण है कि सचिन पायलट गुट की ओर से 22 विधायकों के समर्थन का दावा किया जाता है.
वहीं, पूर्व में बीजेपी विचारधारा से जुड़े तिजारा विधायक संदीप यादव के बारे में कटारिया ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी से जुड़े इन विधायकों का फैसला हाईकोर्ट की ओर से जो फैसला होगा, सभी 6 विधायकों को लेकर होगा. यदि कोर्ट ने इन्हें डिबार कर दिया तो फिर प्रदेश सरकार को गिरने से कोई नहीं बचा सकता.
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'वसुंधरा राजे हमारी लीडर रही हैं'
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दिल्ली दौरे को लेकर भी गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि वह मौजूदा सियासी घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में आला नेताओं से चर्चा कर रही हैं. कटारिया के अनुसार वसुंधरा राजे हमारी लीडर रही हैं, राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रही हैं और यदि दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से उनकी इस बारे में चर्चा हो रही है तो वह हमारे लिए उपयोगी ही रहेगा. उन्होंने कहा कि जब वसुंधरा राजस्थान आएंगी तब हम यहां क्या एक्शन तय करेंगे, वह भी उनको साथ में रखकर सामूहिक निर्णय लेकर ही आगे की रणनीति बनाएंगे.