जयपुर. महापौर प्रत्याशी चयन के बाद जयपुर शहर भाजपा में अंदरूनी खींचतान बढ़ गई है. पहले प्रत्याशी चयन में विधायकों से राय नहीं ली गई और अब विधायकों को निर्वाचित पार्षदों की बाड़ेबंदी से भी दूर रखा जा रहा है. मतलब पार्टी अब अपने ही विधायक या पूर्व विधायकों पर विश्वास नहीं करती, बावजूद इसके नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि इन चुनावों में सभी निर्णय सामूहिक हो रहे हैं और विधायकों में कोई नाराजगी भी नहीं है.
जयपुर नगर निगम ग्रेटर में महापौर प्रत्याशी के रूप में सौम्या गुर्जर का चयन किया गया, लेकिन इस दौरान ग्रेटर नगर निगम से आने वाले भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, नरपत सिंह राजवी, पूर्व विधायक कैलाश वर्मा और राजपाल सिंह शेखावत से कोई राय नहीं ली गई. इसके बाद इन विधायकों ने खुलकर तो अपनी नाराजगी संगठन के समक्ष नहीं जताई, लेकिन अपने मन की पीड़ा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सहित कुछ प्रमुख नेताओं तक जरूर पहुंचा दी.
नहीं है कोई मतभेद: कटारिया
इसके बावजूद जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने पार्टी में किसी भी प्रकार के मतभेद की बात से इंकार कर दिया. साथ ही कहा कि जब जिसकी जरूरत थी, खुद उन्होंने उससे प्रत्याशी चयन को लेकर राय भी ली. लेकिन अब जब निर्णय हो चुका है तो पार्टी का निर्णय सामूहिक निर्णय ही माना जाएगा.
राठौड़ ने कांग्रेस पर हॉर्स ट्रेडिंग का लगाया आरोप
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी विधायकों की नाराजगी की बात से इनकार किया. उन्होंने कहा कि जो भी निर्णय लिया गया है वो विधायकों के साथ प्रमुख नेताओं से राय करके ही लिया गया है. राठौड़ ने नगर निगम चुनाव में जयपुर के दोनों नगर निगमों में भाजपा का बोर्ड और महापौर बनाने के साथ ही कोटा और जोधपुर में भी पार्टी का महापौर बनाए जाने का दावा किया. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस इन चुनावों में हॉर्स ट्रेडिंग करना चाहती है, लेकिन उसमें कामयाब नहीं होगी.
पार्षदों की बाड़ेबंदी से भी विधायक दूर
नगर निगम चुनाव में इस बार जिस प्रकार का रवैया प्रदेश भाजपा संगठन का रहा उसके बाद भाजपा इन चुनाव में एकमुखी नजर नहीं आ रही. टिकट वितरण हो या महापौर प्रत्याशी चयन मामला विधायकों की अनदेखी की खबरें छन-छन कर सामने आती रही. अब जब नवनिर्वाचित पार्षदों को प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी करके रखा गया है तो वहां पर भी क्षेत्र के भाजपा विधायक या पूर्व विधायक को दूर रखने की कोशिश की गई.