जयपुर. गहलोत सरकार की मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना को लेकर अब सियासत गरमा गई है. भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का प्रीमियम प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी खजाने से वहन करने की मांग की है. साथ ही प्रदेश में अवैध बजरी खनन को लेकर भी रामलाल शर्मा ने प्रदेश सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए.
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शर्मा ने राज्य सरकार की चिरंजीवी योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान की सरकार चिरंजीवी योजना लागू करने की वाहवाही लूट रही है, लेकिन राजस्थान की सरकार ने लगभग 2 साल तक भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और पौने 2 साल तक केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को बंद करने का काम किया.
रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि जिसकी वजह से इन दो सालों के अंदर इन दोनों योजनाओं को बंद करने की वजह से प्रदेश के हजारों लोग पैसों के अभाव में जीवन बचाने में नाकाम साबित हुए. साथ ही इलाज नियत समय पर नहीं मिलने के कारण हजारों लोग काल के ग्रास में चले गए.
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार चिरंजीवी योजना की इस प्रकार वाहवाही लूट रही है, जैसे राजस्थान में कोई पहली बार जन कल्याणकारी योजना सरकार लेकर आई है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार चिरंजीवी योजना की जो प्रीमियम राशि है उसे सरकार अपने राजकीय खजाने से जमा करवाने का काम करें ताकि आमजन को योजना का लाभ मिल सके.
सरकार बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम
विधायक रामलाल शर्मा ने धौलपुर में नाकाबंदी के दौरान बजरी माफियाओं की ओर से पुलिस के जवान पर फायरिंग कर उसे घायल करने की घटना पर सरकार की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए. शर्मा ने कहा कि राजस्थान की सरकार बजरी माफियाओं के ऊपर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है. जिस तरीके से बजरी माफियाओं का मनोबल बढ़ा है, इसका एक ही कारण हो सकता है कि सरकार और बजरी माफियाओं की सांठ-गांठ हो सकती है.
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उन्होंने कहा कि धौलपुर में पहले भी घटनाएं घटित हो चुकी है और अब जिस तरीके से नाकाबंदी के दौरान बजरी माफियाओं की ओर से पुलिस के आरएसी के जवान के ऊपर फायरिंग कर उसको घायल किया गया है, मुझे लगता है कि राजस्थान के अंदर इस प्रकार की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सरकार इन बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाने के साथ-साथ इनका मनोबल तोड़ने का भी काम करें अन्यथा आने वाले समय के अंदर प्रदेश में यह स्थितियां और भी गंभीर हो सकती है.