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भाजपा का 'बाड़े में सरकार' अभियान...वसुंधरा की दूरी रही चर्चा का विषय

राजस्थान में पिछले तीन सप्ताह से चल रही सियासी उठापटक अब तक जारी है. सभी कांग्रेस विधायकों को बाड़ेबंदी पार्ट-2 के तहत जैसलमेर के होटल सूर्यगढ़ में रखा गया है. जिसके बाद से ही भाजपा ने ट्विटर पर हल्ला बोलते हुए 'बाड़े में सरकार' अभियान छेड़ दिया है, लेकिन अभियान से ज्यादा चर्चा अभियान से बनी वसुंधरा राजे की दूरी की हो रही है.

ट्विटर पर भाजपा,  rajasthan political crisis,  rajasthan news
Twitter पर भाजपा का 'बाड़े में सरकार' अभियान
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Published : Aug 3, 2020, 12:14 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान का पटाक्षेप तो आगामी विधानसभा सत्र के दौरान ही होगा, लेकिन उससे पहले सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कोरोना काल है, लिहाजा आरोप-प्रत्यारोप भी वर्चुअल और सोशल मीडिया के जरिए ही लगाए जा रहे हैं. खासतौर पर जैसलमेर में होटल में प्रदेश सरकार और कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर भाजपा ने ट्विटर पर हल्ला बोलते हुए 'बाड़े में सरकार' अभियान छेड़ा. लेकिन अभियान से ज्यादा चर्चा अभियान से बनी वसुंधरा राजे की दूरी की रही.

ट्विटर पर भाजपा,  rajasthan political crisis,  rajasthan news
बीजेपी राजस्थान का ट्वीट

उनके और उनके गुट से जुड़े कई लाेगाें ने इस अभियान से दूरी बनाए रखी. हालांकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जल्द स्वस्थ हाेने और लंबी आयु के लिए ट्वीट किया. राजे रविवार रात 8 बजे तक चार ट्वीट किए थे. इनमें से बाड़ेबंदी के खिलाफ एक भी नहीं था. वसुंधरा राजे की राज्यसभा चुनाव से लेकर गहलोत-पायलट घटनाक्रम पर चुप्पी पहले से ही चर्चा में है.

  • ~कांग्रेस में फूट, सरकार की लूट और मुख्यमंत्री के झूठ से जनता त्रस्त~
    मुख्यमंत्री जी 5 सितारा में "हम होंगे कामयाब" से आप कामयाब सिद्ध नहीं होंगे।होटल से बाहर निकलो,जनता के बीच जाओ,जनसेवा करो। आपके झूठे वादों से पीड़ित जनता आप पर "नाकामयाब" का लेबल लगा चुकी है। #बाड़े_में_सरकार

    — Satish Poonia (@DrSatishPoonia) August 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, जैसलमेर के होटल में प्रदेश सरकार के मंत्री कांग्रेस विधायकों के साथ निर्दलीय व अन्य विधायकों को 13 अगस्त तक बाड़ेबंदी में रखा गया है. 14 अगस्त को सभी जयपुर विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए ही आएंगे. ऐसे में भाजपा ने ट्विटर पर अभियान छोड़कर सरकार को घेरने का काम किया. रविवार को दिनभर 'बाड़े में सरकार' ट्विटर पर ट्रेंड होता रहा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सहित केंद्र के मंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी इस में जुड़े और ट्विटर पर सरकार को घेरते रहे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री इस अभियान से भी दूरी ही बनाए रखी. अब यही दूरी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है.

  • गहलोत सरकार का सार:
    मौज मस्ती, सैर सपाटा, खाना पीना, अंताक्षरी खेलना, फिल्म देखना और दूसरों की गलती निकालना!#बाड़े_में_सरकार

    — Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सवाल यही है कि इस पूरे घटनाक्रम से वसुंधरा राजे ने खुद को आखिर दूर क्यों कर रखा है? यदि वसुंधरा राजे धौलपुर में भी हैं तो सोशल मीडिया और ट्विटर के जरिए तो वो भाजपा के इस तरह के अभियान में शामिल हो ही सकती थीं?

यह भी पढ़ें : LIVE : बाड़ाबंदी में राखी बांधनें बीटीपी विधायक की बहन पहुंची होटल, सीएम भी जैसलमेर में

सवाल यह भी है प्रदेश नेतृत्व से वसुंधरा राजे की दूरी इसका मुख्य कारण है या फिर राज्य खुद मौजूदा विवाद से खुद को दूर रखना चाहती हैं? हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में वसुंधरा राजे विरोधी गुट के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री को मौजूदा मुख्यमंत्री के गठजोड़ के रूप में दिखाकर घसीटने का प्रयास भी किया. जिससे भी वसुंधरा राजे नाराज हैं.

ट्विटर की जंग पर भाजपा नेताओं ने हल्ला प्रदेश सरकार और कांग्रेस पर बोला, लेकिन वसुंधरा राजे की दूरी ने यह भी बता दिया कि आंतरिक कलह केवल कांग्रेस में नहीं, बल्कि बीजेपी भी इससे अछूती नहीं है. बस अंतर इतना है कि कांग्रेस की आंतरिक कलह खुलकर सड़कों पर आ चुकी है और भाजपा में मतभेद नेताओं के मन तक सीमित है.

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान का पटाक्षेप तो आगामी विधानसभा सत्र के दौरान ही होगा, लेकिन उससे पहले सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कोरोना काल है, लिहाजा आरोप-प्रत्यारोप भी वर्चुअल और सोशल मीडिया के जरिए ही लगाए जा रहे हैं. खासतौर पर जैसलमेर में होटल में प्रदेश सरकार और कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर भाजपा ने ट्विटर पर हल्ला बोलते हुए 'बाड़े में सरकार' अभियान छेड़ा. लेकिन अभियान से ज्यादा चर्चा अभियान से बनी वसुंधरा राजे की दूरी की रही.

ट्विटर पर भाजपा,  rajasthan political crisis,  rajasthan news
बीजेपी राजस्थान का ट्वीट

उनके और उनके गुट से जुड़े कई लाेगाें ने इस अभियान से दूरी बनाए रखी. हालांकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जल्द स्वस्थ हाेने और लंबी आयु के लिए ट्वीट किया. राजे रविवार रात 8 बजे तक चार ट्वीट किए थे. इनमें से बाड़ेबंदी के खिलाफ एक भी नहीं था. वसुंधरा राजे की राज्यसभा चुनाव से लेकर गहलोत-पायलट घटनाक्रम पर चुप्पी पहले से ही चर्चा में है.

  • ~कांग्रेस में फूट, सरकार की लूट और मुख्यमंत्री के झूठ से जनता त्रस्त~
    मुख्यमंत्री जी 5 सितारा में "हम होंगे कामयाब" से आप कामयाब सिद्ध नहीं होंगे।होटल से बाहर निकलो,जनता के बीच जाओ,जनसेवा करो। आपके झूठे वादों से पीड़ित जनता आप पर "नाकामयाब" का लेबल लगा चुकी है। #बाड़े_में_सरकार

    — Satish Poonia (@DrSatishPoonia) August 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, जैसलमेर के होटल में प्रदेश सरकार के मंत्री कांग्रेस विधायकों के साथ निर्दलीय व अन्य विधायकों को 13 अगस्त तक बाड़ेबंदी में रखा गया है. 14 अगस्त को सभी जयपुर विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए ही आएंगे. ऐसे में भाजपा ने ट्विटर पर अभियान छोड़कर सरकार को घेरने का काम किया. रविवार को दिनभर 'बाड़े में सरकार' ट्विटर पर ट्रेंड होता रहा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सहित केंद्र के मंत्री और प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी इस में जुड़े और ट्विटर पर सरकार को घेरते रहे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री इस अभियान से भी दूरी ही बनाए रखी. अब यही दूरी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है.

  • गहलोत सरकार का सार:
    मौज मस्ती, सैर सपाटा, खाना पीना, अंताक्षरी खेलना, फिल्म देखना और दूसरों की गलती निकालना!#बाड़े_में_सरकार

    — Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सवाल यही है कि इस पूरे घटनाक्रम से वसुंधरा राजे ने खुद को आखिर दूर क्यों कर रखा है? यदि वसुंधरा राजे धौलपुर में भी हैं तो सोशल मीडिया और ट्विटर के जरिए तो वो भाजपा के इस तरह के अभियान में शामिल हो ही सकती थीं?

यह भी पढ़ें : LIVE : बाड़ाबंदी में राखी बांधनें बीटीपी विधायक की बहन पहुंची होटल, सीएम भी जैसलमेर में

सवाल यह भी है प्रदेश नेतृत्व से वसुंधरा राजे की दूरी इसका मुख्य कारण है या फिर राज्य खुद मौजूदा विवाद से खुद को दूर रखना चाहती हैं? हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में वसुंधरा राजे विरोधी गुट के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री को मौजूदा मुख्यमंत्री के गठजोड़ के रूप में दिखाकर घसीटने का प्रयास भी किया. जिससे भी वसुंधरा राजे नाराज हैं.

ट्विटर की जंग पर भाजपा नेताओं ने हल्ला प्रदेश सरकार और कांग्रेस पर बोला, लेकिन वसुंधरा राजे की दूरी ने यह भी बता दिया कि आंतरिक कलह केवल कांग्रेस में नहीं, बल्कि बीजेपी भी इससे अछूती नहीं है. बस अंतर इतना है कि कांग्रेस की आंतरिक कलह खुलकर सड़कों पर आ चुकी है और भाजपा में मतभेद नेताओं के मन तक सीमित है.

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