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बीजेपी और काग्रेस में जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू, निर्दलीयों को रिझाने के लिए प्रलोभन का दौर शुरू

राजस्थान में निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. ऐसे में 90 निकायों के नतीजे आने के बाद, अब निर्दलीयों को कांग्रेस और बीजेपी अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है. इसके लिए बाड़ेबंदी सहित, खरीद-फरोख्त, राजनीतिक नियुक्तियों के आश्वासन और पार्टी की सदस्यता का लोभ दिया जा सकता है.

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निर्दलीयों को रिझाने के लिए प्रलोभन का दौर शुरू
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Published : Feb 1, 2021, 12:23 PM IST

जयपुर. प्रदेश में 20 जिलों के 90 निकायों के नतीजे आ चुके हैं. नतीजे साफ बताते हैं कि बड़ी संख्या में निकाय ऐसे हैं, जहां निर्दलीयों के सहारे निकायों के बोर्ड बनेंगे. क्योंकि कांग्रेस के 19 और बीजेपी के 24 बोर्ड पूर्ण बहुमत से बनते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में बाकी बचे 46 नगर निकाय ऐसे हैं, जहां पार्टियों को बाड़ेबंदी करनी होगी और इस काम में दोनों ही पार्टियां जुट गई हैं.

जहां बीजेपी और कांग्रेस ने अपने जीते हुए प्रत्याशियों को दो चुनाव खत्म होते ही बाड़ेबंदी में ले लिया था. लेकिन निर्णायक साबित होने वाले निर्दलीयों को भी बाड़ेबंदी में लाने के लिए हर तरीके के प्रयास होंगे. ऐसे में कहा जा रहा है कि अब इन निकाय चुनाव में बोर्ड बनाने के लिए जमकर खरीद-फरोख्त होगी. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस अपनी सरकार का असर दिखाती नजर आएगी तो बीजेपी अपनी पार्टी का असर दिखाती हुई. ऐसे में जहां निर्दलीय बोर्ड बनाएंगे, वहीं कई जगह खरीद-फरोख्त होने के भी आसार हैं.

यह भी पढ़ें: SOG का शिकंजा! लाइब्रेरियन परीक्षा के 44 अभ्यर्थी एसओजी की रडार पर, पूछताछ के लिए नोटिस जारी

ऐसे में अब प्रदेश में 7 और 8 जनवरी तक निर्दलीयों की मान-मनुहार का भी दौर चलने वाला है. हालांकि, कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियां ही उन जगह पर निर्दलीयों का साथ दे सकती हैं, जहां निर्दलीय दूसरी पार्टी को जीता सकते हैं. सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि ज्यादातर निर्दलीय कांग्रेस के साथ आएंगे. लेकिन इसके लिए कांग्रेस की ओर से विधायकों को अभी एक टास्क भी दे दिया गया है कि वह निर्दलीयों को अपने पाले में लेकर आएं. निर्दलीय जो कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देंगे, उन्हें कांग्रेस पार्टी में सम्मलित तो किया ही जाएगा. साथ ही उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों का भी आश्वासन दिया जा सकता है.

जयपुर. प्रदेश में 20 जिलों के 90 निकायों के नतीजे आ चुके हैं. नतीजे साफ बताते हैं कि बड़ी संख्या में निकाय ऐसे हैं, जहां निर्दलीयों के सहारे निकायों के बोर्ड बनेंगे. क्योंकि कांग्रेस के 19 और बीजेपी के 24 बोर्ड पूर्ण बहुमत से बनते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में बाकी बचे 46 नगर निकाय ऐसे हैं, जहां पार्टियों को बाड़ेबंदी करनी होगी और इस काम में दोनों ही पार्टियां जुट गई हैं.

जहां बीजेपी और कांग्रेस ने अपने जीते हुए प्रत्याशियों को दो चुनाव खत्म होते ही बाड़ेबंदी में ले लिया था. लेकिन निर्णायक साबित होने वाले निर्दलीयों को भी बाड़ेबंदी में लाने के लिए हर तरीके के प्रयास होंगे. ऐसे में कहा जा रहा है कि अब इन निकाय चुनाव में बोर्ड बनाने के लिए जमकर खरीद-फरोख्त होगी. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस अपनी सरकार का असर दिखाती नजर आएगी तो बीजेपी अपनी पार्टी का असर दिखाती हुई. ऐसे में जहां निर्दलीय बोर्ड बनाएंगे, वहीं कई जगह खरीद-फरोख्त होने के भी आसार हैं.

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ऐसे में अब प्रदेश में 7 और 8 जनवरी तक निर्दलीयों की मान-मनुहार का भी दौर चलने वाला है. हालांकि, कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियां ही उन जगह पर निर्दलीयों का साथ दे सकती हैं, जहां निर्दलीय दूसरी पार्टी को जीता सकते हैं. सत्ताधारी दल कांग्रेस का मानना है कि ज्यादातर निर्दलीय कांग्रेस के साथ आएंगे. लेकिन इसके लिए कांग्रेस की ओर से विधायकों को अभी एक टास्क भी दे दिया गया है कि वह निर्दलीयों को अपने पाले में लेकर आएं. निर्दलीय जो कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन देंगे, उन्हें कांग्रेस पार्टी में सम्मलित तो किया ही जाएगा. साथ ही उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों का भी आश्वासन दिया जा सकता है.

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