जयपुर. मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को मंजूरी दे दी है. इसके बाद एक बार फिर एनआरसी और सीएए के बाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भाजपा ने इस बार कोई भी गलती नहीं करते हुए एनपीआर को लेकर पहले ही अपनी बात कहनी शुरू कर दी है.
राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में भाजपा प्रवक्ता मीणा ने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया है, जो 2010 में भी हुई थी और उससे पहले भी होती रही है.
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मीणा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरीके से नागरिकता कानून संशोधन के लिए अफवाह फैलाई और देश के अल्पसंख्यकों को उकसाने की कोशिश की, अब कोई कोशिश कांग्रेस पार्टी ऐसा ना करें. इसके लिए आवश्यक है कि जनता इस बात को समझे कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एक संवैधानिक प्रक्रिया है जो हर 10 साल बाद की जाती है. उन्होंने कहा कि यह एक तरीके से जनगणना का ही पार्ट है जो आपको अपनी जानकारी एक एप के ओर से ही फीड करनी है. इससे नागरिकता देने और लेने का कोई संबंध नहीं है.
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. राजस्थान कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के संयोजक राजेंद्र सेन ने कहा कि अभी तो देश में केंद्र सरकार के ओर से लाए गए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी की आग भी नहीं बुझी है और केंद्र सरकार अब जाति और धर्म के आधार पर जनगणना की बात कर रही है, जो कि इस देश का दुर्भाग्य होगा. उन्होंने कहा कि अब देश में बंटवारे की संभावना बढ़ जाएगी.