जयपुर. शहर में पेड़ों को सांसे देने का काम कर रही ट्री एंबुलेंस (Tree ambulance) को सोमवार को 7 साल पूरे हो हो गए हैं. इस दौरान ट्री एंबुलेंस ग्रुप (Tree ambulance group) ने और अधिक पेड़-पौधे (Trees & plants) लगाने और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया. यही नहीं कारगिल शहीद स्मृति वन (Kargil Shaheed Memorial Van) में हुए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पेड़ों की देखभाल करने और मटका पद्धति से सिंचाई करने की जानकारी दी गई.
शहर में विद्याधर नगर निवासी सुशील अग्रवाल ने आज से 7 साल पहले 5 जुलाई 2014 को ट्री एंबुलेंस की शुरुआत की थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हरी झंडी दिखाकर इस ट्री एंबुलेंस को रवाना किया था, तब से लेकर आज तक यह एंबुलेंस पेड़ों को सांसे देने का काम कर रही है और उसी का नतीजा है कि विद्याधर नगर इलाके में हर जगह हरियाली दिखाई देती है.
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ट्री एंबुलेंस (Tree ambulance) में हर वो उपकरण मौजूद है, जिससे पौधारोपण (Plantation) किया जाता है और उनकी सार संभाल भी की जाती है, ताकि उन्हें किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो. अक्सर देखने में आता है कि लोग पौधारोपण तो कर देते हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं करते और उसका नतीजा रहता है कि समय से पहले ही पेड़ दम तोड़ देते हैं और सूख जाते हैं. सुशील अग्रवाल और उनकी टीम 10 एंबुलेंस का संचालन करती है और प्रतिदिन विद्याधर नगर इलाके में पौधारोपण कर पुराने पेड़ों की देखभाल इसी ट्री एम्बुलेंस से करते है.
सुशील अग्रवाल ने बताया कि 7 साल पहले पेड़ों की दयनीय स्थिति देखकर उन्हें ट्री एंबुलेंस का आईडिया आया था और उन्होंने इसकी शुरुआत उसी समय कर दी थी. पहले वे दो लोग ही थे और अब 100 से ज्यादा लोग उनके साथ जुड़े हुए है. ये सभी लोग ट्री एंबुलेंस के जरिए पेड़ों को बचाने का काम कर रहे हैं.
ट्री एंबुलेंस की शुरुआत करने वाले सुशील अग्रवाल ने बताया कि जब ट्री एंबुलेंस की शुरुआत हुई थी, तो यहां पेड़ों की हालत बहुत खराब थी. पेड़ इधर उधर लटके होते थे और कई पेड़ों में दीमक लगी होती थी. उन पेड़ों में कोई पानी भी नहीं देता था, लेकिन जब से ट्री एंबुलेंस की शुरुआत हुई है, तब से ही पेड़ पौधों की स्थितियों को ठीक किया. लटके हर पेड़ों को सीधा किया और रेगुलर इन पेड़ों में पानी भी दिया जा रहा है. उसी का नतीजा है कि आज विद्याधर नगर इलाके में 40 किलोमीटर की ग्रीन बेल्ट मौजूद है और तीन लाख जीवित पेड़ है.
अग्रवाल ने बताया कि विद्याधर नगर इलाके में 86 पार्क है, जिन की अभी हालत बहुत खराब थी. इन पार्को को भी टीम 10 ने ट्री एम्बुलेंस की सहायता से हरा भरा किया गया. हर काम सरकार के भरोसे भी नहीं हो सकता, इसीलिए ट्री एंबुलेंस की शुरुआत हम लोगों ने की.
सुशील अग्रवाल ने कहा कि ट्री एंबुलेंस के जरिए पेड़ों की देखभाल से यहां विद्याधर नगर इलाका हरा भरा हो चुका है और इसी का परिणाम है कि विद्याधर नगर का इलाका जयपुर के पॉश इलाकों में गिना जाता है. साथ ही देश की एक बहुत अच्छी टाउनशिप में भी शामिल है.
ट्री एंबुलेंस ग्रुप की ओर से सबसे सस्ता ट्री गार्ड का भी इजाद किया गया. सुशील अग्रवाल ने कहा कि यह ट्री गार्ड दो सौ रुपये में बन जाता है. यह 6 फीट का जंग रोधी ट्री गार्ड होता है और उसे कोई भी बना सकता है. यह मजबूत भी होता है. हाल ही में विद्याधर नगर इलाके के पौधों के इसी तरह के ट्री गार्ड लगाने की शुरुआत भी की गई है.
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सुशील अग्रवाल ने कहा कि कोरोना कॉल में ऑक्सीजन का कितना महत्व है, यह लोगों को पता चल चुका है. ऑक्सीजन की कमी के कारण सैकड़ों लोगों की जानें चली गई. पेड़ों से ही हमें ऑक्सीजन मिलती है. लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए. उन्होंने कहा कि अब यह सोचने का वक्त है कि आने वाली पीढ़ी को हम क्या देकर जाएं संपत्ति या ऑक्सीजन. ट्री एंबुलेंस के 7 साल पूरा होने पर केक काटा गया. इस दौरान स्थानीय पार्षद भी मौजूद रही. लोगों ने इस अवसर पर पौधारोपण किया और कुछ भामाशाह ने टीम को पौधे देने का वादा भी किया. टी एंबुलेंस में पेड़ों को बचाने वाले उपकरण छोटी और बड़ी कैंची, अर्थ ओगर, दंताली, पंजा, खाद, दीमक की दवाई, पानी के डिब्बे फावड़ा, आरी, वायर, कटर खुरपी रहते है.