जयपुर. महाराजा मानसिंह की 471वीं जयंती आमेर महल के दिल-ए-आराम बाग में मनाई गई. एक यूनिट खून किसी की जिंदगी बचा सकता है. इसी धारणा को ध्यान में रखते हुए राजा मानसिंह की जयंती के अवसर पर श्री राजपूत करणी सेना की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. रक्तदान शिविर में युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. श्री राजपूत करणी सेना ने राजा मानसिंह के इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. राजा मानसिंह अकबर के सेनापति थे इस बात को दुष्प्रचार बताया (Karni Sena statement on Mansingh) है.
राजा मानसिंह प्रथम मुगल बादशाह अकबर के सेनापति थे लेकिन देशभर में सैकड़ों मंदिरों का श्रेय राजा मानसिंह को ही जाता है. राजा मानसिंह ने देशभर के कई प्रमुख मंदिरों का निर्माण करवाया था. बनारस पटना हरिद्वार घाट का निर्माण भी मानसिंह ने करवाया था. श्री राजपूत करणी सेना इतिहास शुद्धिकरण का काम कर रही है. राजपूत करणी सेना का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ करके कई गलत साक्षी पेश किए गए हैं. लोगों को इतिहास का पता नहीं है. फिल्म और किताबों में जो दिखाया जाता है, उसे ही सच मान लेते हैं.
राजा मानसिंह का अकबर के सेनापति के तौर पर एक दुष्प्रचार है
राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि राजा मानसिंह का अकबर के सेनापति के तौर पर एक दुष्प्रचार है. राजा मानसिंह का बराबरी का अधिकार था कि भोम आपकी धन हमारा. राजा मानसिंह ने ईरान-इराक तक विजय प्राप्त की थी. जिस अफगानिस्तान पर अमेरिका विजय नहीं प्राप्त कर पाया था, उस पर अकेले राजा मानसिंह ने विजय प्राप्त की थी. राजा मानसिंह ने 16 साल तक युद्ध किया था और अपने पोतों का बलिदान उन्होंने युद्ध में होते हुए देखा था.
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मानसिंह ने हिंदू धर्म के लिए 1000 से ज्यादा मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया था. काशी विश्वनाथ अभी जीवंत उदाहरण है. करीब 500 साल पहले काशी विश्वनाथ का पुनर्निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया था. आमेर की शिला माता मंदिर, गोविंद देव जी मंदिर, जगत शिरोमणि मंदिर समेत सैकड़ों मंदिर जयपुर में राजा मानसिंह ने बनवाए थे. आमेर के राजा मानसिंह बड़े धर्म रक्षक थे. पचरंगा ध्वज आज जो मठों पर फहराया जाता है. वह राजा मानसिंह का झंडा हुआ करता था. उस समय के सभी साधु-संतों ने को पचरंगे झंडे को स्वीकार किया था.
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श्री राजपूत करणी सेना इतिहास शुद्धिकरण करवाने का प्रयास कर रही है. जिन लोगों को भारत के इतिहास से एलर्जी थी, उन्होंने देश के इतिहास को गलत तरीके से दिखाया है. उसी इतिहास को श्री राजपूत करणी सेना पुनर्जागरण के हिसाब से कर रहे हैं. जिससे असली इतिहास को लोग जान सके.
महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि राजा मानसिंह की 471वीं आज जयंती मनाई गई है. इस अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है. राजा मानसिंह की जयंती आमेर महल में मनाने का उद्देश्य है कि पूरे देश को मालूम होना चाहिए कि सनातन धर्म के सबसे बड़े रक्षक राजा मानसिंह रहे थे. मुगल सल्तनत होने के बावजूद भी राजा मानसिंह ने हिंदू धर्म के लिए कई कार्य करवाए थे.