जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने साथ बहुत सारी चुनौतियां लेकर आई है. उनमें से एक है अस्पतालों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट. हालांकि जयपुर के निगमों ने इसकी जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को सौंप रखी है. बावजूद इसके कोविड केयर अस्पतालों के बाहर बायो मेडिकल वेस्ट नजर आता है, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. इस बीच ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने शनिवार को आरयूएचएसआर और जयपुरिया अस्पताल के बाहर साफ सफाई का निरीक्षण किया. यहां बायो मेडिकल वेस्ट पड़े मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए, इसे विधिवत संग्रहित करने और उसका डिस्पोजल करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को लिखने के लिए जोन उपायुक्त को निर्देश दिए. इससे पहले अस्पताल के बाहर बायो मेडिकल वेस्ट पड़े होने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
शनिवार को महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर के दौरे के दौरान भी यही नजारा देखने को मिला, जहां आरयूएचएस और जयपुरिया अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के परिजनों द्वारा उपयोग में लिए गए मास्क, दस्ताने, पीपीई किट सड़क किनारे पड़े मिले। महापौर ने यहां नियमित सफाई के निर्देश देते हुए जोन उपायुक्तों को अस्पताल प्रशासन को लिखने के लिए भी निर्देश दिए. इस पर सांगानेर जोन उपायुक्त बेनीवाल ने आर यू एच एस अधीक्षक को अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों और उनके परिजनों को बायो मेडिकल वेस्ट निर्धारित स्थान पर फेंकने के लिए पाबंद करने के लिए लिखा.
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साथ ही अस्पताल का बायो मेडिकल वेस्ट उठाने वाली फर्म को भी बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण नियमित रूप से करने के लिए पाबंद करने के लिए लिखा, ताकि कोविड-19 संक्रमण को प्रभावी रूप से रोका जा सके. बता दें कि कोविड केयर सेंटर और अस्पताल से जो बायो वेस्ट निकल रहा है, उसे इंस्ट्रोमेडिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ठेका देकर कलेक्ट कर, उसे डिस्पोज किया जा रहा है. वहीं यदि घरों से कोई बायो मेडिकल वेस्ट जनरेट होता है, तो उसके लिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में अलग से लाल रंग का डिब्बा लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.