जयपुर. लंबे समय से दुखी आईएएस, आरएएस और आईपीएस की तबादला सूची इसी सप्ताह आने की संभावना (Gehlot Government to Release Transfer List soon) है. बड़े स्तर पर होने वाले इस फेरबदल को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. माना जा रहा है कि गहलोत सरकार आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिलों से लेकर सचिवालय तक नौकरशाही में बड़ा बदलाव करने जा रही है. इसी बीच अपनी पसंदीदा पोस्टिंग को लेकर भी अधिकारियों ने लॉबिंग तेज कर दी है.
विधानसभा सत्र के चलते रुकी लिस्ट: नौकरशाही में बड़े फेरबदल की चर्चा (Transfer Of Bureaucrats In Rajasthan) कई दिनों से है. फेरबदल को लेकर सरकार में मंथन चल रहा है. चर्चा है कि जल्द ही तबादला सूची को अंतिम रूप देकर इसी सप्ताह इसे जारी कर दिया जाएगा. आईएएस , आरएएस और आईपीएस की तबादला सूची की संपूर्ण तैयारी 1 महीने पहले की पूरी कर ली गई थी , लेकिन विधानसभा सत्र जारी रहने के कारण इस सूची को होल्ड पर रखा गया था. अब जबकि विधानसभा सत्र खत्म हो गया है और सभी बोर्ड के चेयरमैन , आयोग के अध्यक्ष , निगम के अध्यक्षों ने भी अपना पद संभाल लिया है तो ऐसे में ये लिस्ट इसी सप्ताह जारी होने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है.
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150 के करीब अफसरों के होंगे तबादले: विश्वस्तों का कहना है कि मुख्यमंत्री स्तर पर 30 से ज्यादा आईएएस और 20 से ज्यादा आईपीएस अफसरों के साथ-साथ 100 से ज्यादा आरएएस अफसरों के तबादले सूची पर मंथन पूरा हो चुका है. इधर नौकरशाही के गलियारों में भी चर्चा है कि गहलोत सरकार के कई मंत्रियों का भी अपने विभागों के अफसरों के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अफसरों की कार्यशैली को लेकर शिकायत की है. जिसकी वजह से इन अफसरों को बदला जाएगा .
मिशन 2023: चर्चा है कि नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी इसलिए भी की जा रही है , क्योंकि सरकार को साल 2023 (mission 2023 and Transfer In Rajasthan) में विधानसभा चुनाव में जाना है और महज डेढ़ साल का समय बचा है. ऐसे में सरकार हाल ही में बजट में की गई जनकल्याणकारी घोषणाओं को धरातल पर उतार कर आम जनता तक उसका लाभ पहुंचाने की कोशिश में है, ताकि इसका लाभ चुनाव में मिल सके. इसी मंशा के तहत सरकार बड़े स्तर पर नौकरशाही में बदलाव करते हुए पसंद के अफसरों को फील्ड में तैनात करना चाहती है. दूसरी ओर सरकार अपने विधायकों, मंत्रियों और पार्टी नेताओं की नाराजगी भी मोल नहीं लेना चाहती है , इसलिए उनकी इच्छा पर ही नौकरशाही में फेरबदल किए जाने की उम्मीद है.