जयपुर. प्रदेश में 14 मार्च से स्कूलों के मुख्य द्वार पर ताले जड़े हुए हैं. लाखों छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट किया जा रहा है तो वहीं 10वीं और 12वीं के छात्रों को अपनी परीक्षाओं का इंतजार है. इस बीच राज्य सरकार के सामने 1 जुलाई से स्कूल खोलने और यहां सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने की बड़ी चुनौती सामने है.
ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी कोरोना की परिस्थितियों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. उसी के आधार पर प्रदेश के 66 हजार 493 स्कूलों के संचालन का निर्णय लिया जाएगा. हालांकि विभाग ने रूपरेखा जरूर तैयार करना शुरू कर दिया है. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रतन यादव ने बताया कि 1 जुलाई से स्कूल खोलने के क्रम में राज्य सरकार और शिक्षा विभाग गहन चिंतन कर रहा है. परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग पालन के लिए शिक्षा विभाग के पास मौजूदा सभी इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा. 20 हजार विद्यालय भवन एकीकरण की वजह से बंद हो गए थे, उनका उपयोग भी किया जा सकता है. कुछ क्लासेस को अल्टरनेट बुलाने के साथ ही स्कूलों को शिफ्ट में भी चलाया जा सकता है. हालांकि अभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की एडवाइजरी का इंतजार है.
केंद्र सरकार स्कूलों को खोलने के लिए गाइडलाइन तैयार करने में जुटी है. हालांकि पांचवी तक के छात्रों के 3 महीने तक अवकाश घोषित करने और छठी से स्कूल खोलने पर मंथन चल रहा है. देखना होगा कि छात्र और अभिभावकों को परेशानी आए बिना स्कूलों का संचालन करने के लिए किस तरह की एडवाइजरी जारी होती है.