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रूफटॉप सोलर प्लांट वाले उपभोक्ताओं को झटका! जानें Discom ने ऐसा क्या किया? - Rajasthan Hindi News

डिस्कॉम ने रूफटॉप सोलर प्लांट वाले उपभोक्ताओं को झटका दिया है. डिस्कॉम ने बिजली भुगतान दर घटाकर 2 रुपये प्रति यूनिट कर दिया (Discom reduced electricity payment rate) है. डिस्कॉम की यह नई दर 15 सितंबर से लागू मानी जाएगी.

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Published : Sep 13, 2022, 11:08 AM IST

जयपुर. रूफटॉप सोलर प्लांट के जरिये अपनी बिजली खुद उत्पादित कर अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को देने वाले उपभोक्ताओं को डिस्कॉम ने बड़ा झटका दिया है. नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू उपभोक्ताओं से ली जाने वाली बिजली का भुगतान अब डिस्कॉम 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से (discom reduced electricity payment rate) करेगा. जबकि पूर्व में 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से यह भुगतान किया जा रहा था. यह देश पिछले साल 15 सितंबर से लागू माना जाएगा.

डिस्कॉम इस निर्देश के पीछे राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी आर आर सी ग्रेड इंटरएक्टिव डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी जनरेटर सिस्टम रेगुलेशन 2021 का हवाला दे रहा है. जिसके अनुसार नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की ओर से डिस्कॉम के डेट में डाली गई. अतिरिक्त उत्पादित विद्युत का भुगतान आयोग की ओर से अडॉप्ट औसत टैरिफ के अनुसार देय होता है.

पढ़ें: भगवान भरोसे डिस्कॉम, रिक्त पड़े 16 हजार से ज्यादा पद

राजस्थान डिस्कॉम अध्यक्ष और ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत के अनुसार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी रेगुलेशन 2021 में घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की ओर से निर्यात की गई बिजली की मात्रा बिलिंग अवधि के दौरान आयातित मात्रा से अधिक होने पर जो अतिरिक्त विद्युत डिस्कॉम में भेजी जा रही है. उसका भुगतान 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से होगा. सावंत ने बताया कि औसत टैरिफ 5 मेगा वाट और उससे ज्यादा शोर परियोजनाओं के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में प्रतिस्पर्धा बोली के माध्यम से से होता है. जिसे विद्युत विनियामक आयोग ने अडॉप्ट किया है.

इससे पहले राजस्थान विद्युत नियामक आयोग की ओर से 5 मार्च 2019 को नेट मीटरिंग रेगुलेशन 2019 प्रथम संशोधन के तहत केवल घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त निर्यात की गई बिजली के लिए भुगतान दर 3.14 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की थी. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से औसत टैरिफ 2 रुपये प्रति यूनिट आई. इसलिए 15 सितंबर 2021 से नेट मीटरिंग के तहत अतिरिक्त निर्यात की जाने वाली बिजली का भुगतान उपभोक्ता को 2 प्रति यूनिट की दर से ही किया जाएगा.

पढ़ें: डिस्कॉम पर बिजली उत्पादक कंपनियों का बकाया 2026 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा : आर के सिंह

उपभोक्ताओं से होगी वसूली: डिस्कॉम का नया फरमान पिछले साल सितंबर से लागू माना जाएगा. मतलब पिछले साल सितंबर से अब तक नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू उपभोक्ताओं ने रूफटॉप सोलर प्लांट के जरिए जो अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को ग्रीड के जरिए दी है और उसका भुगतान पिछली बढ़ी हुई दरों से लिया है, उसकी वसूली की जाएगी या आने वाले बिलों में उसका समायोजन होगा.

प्रदेश में 20 हजार घरेलू उपभोक्ताओं ने ली है नेट मीटरिंग की सुविधा: राजस्थान में मौजूदा समय में करीब 1 करोड़ 47 लाख है. डिस्कॉम के तंत्र से जुड़े 28 हजार उपभोक्ताओं में से केवल 20 हजार घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता ही नेट मीटरिंग की सुविधा ले रहे हैं. भास्कर ए सावंत ने बताया कि घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं द्वारा संपूर्ण उत्पादित बिजली में से करीब 82 प्रतिशत विद्युत का उपभोग तो स्वयं उपभोक्ता की ओर कर लिया जाता है. इसलिए अधिकतर घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत उत्पादन का लाभ पूर्व की तरह ही मिलता रहेगा.

जयपुर. रूफटॉप सोलर प्लांट के जरिये अपनी बिजली खुद उत्पादित कर अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को देने वाले उपभोक्ताओं को डिस्कॉम ने बड़ा झटका दिया है. नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू उपभोक्ताओं से ली जाने वाली बिजली का भुगतान अब डिस्कॉम 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से (discom reduced electricity payment rate) करेगा. जबकि पूर्व में 3.14 रुपये प्रति यूनिट की दर से यह भुगतान किया जा रहा था. यह देश पिछले साल 15 सितंबर से लागू माना जाएगा.

डिस्कॉम इस निर्देश के पीछे राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी आर आर सी ग्रेड इंटरएक्टिव डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी जनरेटर सिस्टम रेगुलेशन 2021 का हवाला दे रहा है. जिसके अनुसार नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की ओर से डिस्कॉम के डेट में डाली गई. अतिरिक्त उत्पादित विद्युत का भुगतान आयोग की ओर से अडॉप्ट औसत टैरिफ के अनुसार देय होता है.

पढ़ें: भगवान भरोसे डिस्कॉम, रिक्त पड़े 16 हजार से ज्यादा पद

राजस्थान डिस्कॉम अध्यक्ष और ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत के अनुसार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से जारी रेगुलेशन 2021 में घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की ओर से निर्यात की गई बिजली की मात्रा बिलिंग अवधि के दौरान आयातित मात्रा से अधिक होने पर जो अतिरिक्त विद्युत डिस्कॉम में भेजी जा रही है. उसका भुगतान 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से होगा. सावंत ने बताया कि औसत टैरिफ 5 मेगा वाट और उससे ज्यादा शोर परियोजनाओं के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में प्रतिस्पर्धा बोली के माध्यम से से होता है. जिसे विद्युत विनियामक आयोग ने अडॉप्ट किया है.

इससे पहले राजस्थान विद्युत नियामक आयोग की ओर से 5 मार्च 2019 को नेट मीटरिंग रेगुलेशन 2019 प्रथम संशोधन के तहत केवल घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त निर्यात की गई बिजली के लिए भुगतान दर 3.14 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की थी. लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से औसत टैरिफ 2 रुपये प्रति यूनिट आई. इसलिए 15 सितंबर 2021 से नेट मीटरिंग के तहत अतिरिक्त निर्यात की जाने वाली बिजली का भुगतान उपभोक्ता को 2 प्रति यूनिट की दर से ही किया जाएगा.

पढ़ें: डिस्कॉम पर बिजली उत्पादक कंपनियों का बकाया 2026 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा : आर के सिंह

उपभोक्ताओं से होगी वसूली: डिस्कॉम का नया फरमान पिछले साल सितंबर से लागू माना जाएगा. मतलब पिछले साल सितंबर से अब तक नेट मीटरिंग से जुड़े घरेलू उपभोक्ताओं ने रूफटॉप सोलर प्लांट के जरिए जो अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को ग्रीड के जरिए दी है और उसका भुगतान पिछली बढ़ी हुई दरों से लिया है, उसकी वसूली की जाएगी या आने वाले बिलों में उसका समायोजन होगा.

प्रदेश में 20 हजार घरेलू उपभोक्ताओं ने ली है नेट मीटरिंग की सुविधा: राजस्थान में मौजूदा समय में करीब 1 करोड़ 47 लाख है. डिस्कॉम के तंत्र से जुड़े 28 हजार उपभोक्ताओं में से केवल 20 हजार घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता ही नेट मीटरिंग की सुविधा ले रहे हैं. भास्कर ए सावंत ने बताया कि घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं द्वारा संपूर्ण उत्पादित बिजली में से करीब 82 प्रतिशत विद्युत का उपभोग तो स्वयं उपभोक्ता की ओर कर लिया जाता है. इसलिए अधिकतर घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत उत्पादन का लाभ पूर्व की तरह ही मिलता रहेगा.

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