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BHU: फिरोज खान ने संस्कृत संकाय से दिया इस्तीफा, 34 दिनों से चल रहे छात्रों का आंदोलन समाप्त

उत्तर प्रदेश के बीएचयू में 34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहे आंदोलन मंगलवार को समाप्त हो गया. कार्यकारी डीन कौशलेंद्र पांडेय ने छात्रों को लिखित में बताया कि फिरोज खान ने संकाय से इस्तीफा दे दिया है.

वाराणसी, bhu students, छात्रों का आंदोलन समाप्त
फिरोज खान ने संस्कृत संकाय से इस्तीफे के बाद छात्रों का आंदोलन समाप्त
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Published : Dec 11, 2019, 12:13 PM IST

वाराणसी/जयपुर. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले 34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहे छात्रों का आंदोलन मंगलवार को मंत्रोच्चार और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ समाप्त हुआ. कार्यकारी डीन कौशलेंद्र पांडेय ने छात्रों को लिखित में दिया कि फिरोज खान ने संकाय से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद छात्रों ने संकल्प को पूरा करते हुए मंत्रोच्चार के साथ धरना प्रदर्शन को समाप्त किया.

34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहा आंदोलन मंगलवार को समाप्त

ये है पूरा घटनाक्रम....

  • 7 नवंबर 2019 फिरोज खान बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर रूप में जॉइनिंग के लिए संकाय पहुंचे.
  • 8 नवंबर को बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के सैकड़ों की संख्या में छात्र कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए और नियुक्ति को फर्जी बताया.
  • 8 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक छात्र-छात्राओं ने विभिन्न तरीके से कुलपति के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
  • 23 नवंबर शाम को प्रदर्शन कर रहे छात्रों से विश्वविद्यालय ने 10 दिन का समय मांगा. छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया, लेकिन आंदोलन जारी रखा.
  • 24 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक छात्रों ने जन समर्थन और अपनी बात समाज तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के आंदोलन किए.
  • इसी सिलसिलें में छात्रों ने अयोध्या के संतों से मुलाकात की और राष्ट्रपति को पत्र लिखा.
  • 2 दिसंबर से जवाब न मिलने पर छात्र फिर संकाय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
  • 4 दिसंबर को फिरोज खान ने कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के लिए इंटरव्यू दिया.
  • 7 दिसंबर कार्यकारिणी की बैठक में दोनों संकाय के इंटरव्यू में नियुक्ति पर मुहर लगाया गया.
  • 8 दिसंबर आयुर्वेद विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान को अपने संकाय में ज्वाइन करने के लिए 1 महीने का समय दिया.
  • 9 दिसंबर को संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय से फिरोज खान ने इस्तीफा दिया.
  • 10 दिसंबर को 34 दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: BHU में फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ नया विवाद

पिछले 34 दिनों से जो हमारा आंदोलन चल रहा था, वह महामना के संकल्पना और विधि द्वारा स्थापित नियम थे. उनके विरुद्ध जो नियुक्ति हुई थी, फिरोज खान ने यहां से इस्तीफा दे दिया. विश्वविद्यालय में महामना की मूल्यों की रक्षा हुई. सभी छात्र-छात्राएं प्रसन्न हैं. धर्म की जीत हुई है. महामना आज खुश होंगे कि उनके द्वारा बनाए गए विधि को उनके मानस पुत्रों ने लड़ाई लड़कर जीवित रखा. हम लोगों ने वैदिक मंत्र द्वारा संकल्प कर इस आंदोलन को प्रारंभ किया था.आज वैदिक मंत्रों और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ हमने इस आंदोलन को विजय होकर समाप्त किया.
शशिकांत मिश्र, छात्र बीएचयू

वाराणसी/जयपुर. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले 34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहे छात्रों का आंदोलन मंगलवार को मंत्रोच्चार और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ समाप्त हुआ. कार्यकारी डीन कौशलेंद्र पांडेय ने छात्रों को लिखित में दिया कि फिरोज खान ने संकाय से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद छात्रों ने संकल्प को पूरा करते हुए मंत्रोच्चार के साथ धरना प्रदर्शन को समाप्त किया.

34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहा आंदोलन मंगलवार को समाप्त

ये है पूरा घटनाक्रम....

  • 7 नवंबर 2019 फिरोज खान बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर रूप में जॉइनिंग के लिए संकाय पहुंचे.
  • 8 नवंबर को बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के सैकड़ों की संख्या में छात्र कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए और नियुक्ति को फर्जी बताया.
  • 8 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक छात्र-छात्राओं ने विभिन्न तरीके से कुलपति के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और विरोध प्रदर्शन जारी रखा.
  • 23 नवंबर शाम को प्रदर्शन कर रहे छात्रों से विश्वविद्यालय ने 10 दिन का समय मांगा. छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया, लेकिन आंदोलन जारी रखा.
  • 24 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक छात्रों ने जन समर्थन और अपनी बात समाज तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के आंदोलन किए.
  • इसी सिलसिलें में छात्रों ने अयोध्या के संतों से मुलाकात की और राष्ट्रपति को पत्र लिखा.
  • 2 दिसंबर से जवाब न मिलने पर छात्र फिर संकाय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए.
  • 4 दिसंबर को फिरोज खान ने कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के लिए इंटरव्यू दिया.
  • 7 दिसंबर कार्यकारिणी की बैठक में दोनों संकाय के इंटरव्यू में नियुक्ति पर मुहर लगाया गया.
  • 8 दिसंबर आयुर्वेद विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान को अपने संकाय में ज्वाइन करने के लिए 1 महीने का समय दिया.
  • 9 दिसंबर को संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय से फिरोज खान ने इस्तीफा दिया.
  • 10 दिसंबर को 34 दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: BHU में फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ नया विवाद

पिछले 34 दिनों से जो हमारा आंदोलन चल रहा था, वह महामना के संकल्पना और विधि द्वारा स्थापित नियम थे. उनके विरुद्ध जो नियुक्ति हुई थी, फिरोज खान ने यहां से इस्तीफा दे दिया. विश्वविद्यालय में महामना की मूल्यों की रक्षा हुई. सभी छात्र-छात्राएं प्रसन्न हैं. धर्म की जीत हुई है. महामना आज खुश होंगे कि उनके द्वारा बनाए गए विधि को उनके मानस पुत्रों ने लड़ाई लड़कर जीवित रखा. हम लोगों ने वैदिक मंत्र द्वारा संकल्प कर इस आंदोलन को प्रारंभ किया था.आज वैदिक मंत्रों और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ हमने इस आंदोलन को विजय होकर समाप्त किया.
शशिकांत मिश्र, छात्र बीएचयू

Intro:
विशेष

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले 34 दिनों से संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय में चल रहे छात्रों का आंदोलन आज मंत्रोच्चार और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ समाप्त हुआ। कार्यकारी दिन कौशलेंद्र पांडे ने छात्रों को लिखित में दिया कि फिरोज खान ने संकाय से इस्तीफा दे दिया है इसके बाद छात्रों ने संकल्प को पूरा करते हुए मंत्रोचार के साथ अपने धरना प्रदर्शन को समाप्त किया। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के जयकारा लगाया।


Body:34 दिनों का घटनाक्रम।

7 नवंबर 2019 फिरोज खान बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय असिस्टेंट प्रोफेसर जॉइनिंग के लिए संकाय पहुंचे।

8 नवंबर को बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान के सैकड़ों की संख्या में छात्र कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठे और नियुक्ति को फर्जी बताया।

8 नवंबर से लेकर 23 नवंबर तक छात्र-छात्राओं ने विभिन्न तरीके से कुलपति के बुद्धि शुद्धि यज्ञ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

23 नवंबर शाम को प्रदर्शन कर रहे छात्रों से विश्वविद्यालय ने 10 दिन का समय मांगा छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया लेकिन आंदोलन जारी रखा।

24 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक छात्रों ने जन समर्थन और अपनी बात समाज तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के आंदोलन किए। इसी के छात्रों ने अयोध्या के संतों से मुलाकात किया राष्ट्रपति को पत्र लिखा।

विरोध होने पर फिरोज खान ने 29 नवंबर को आयुर्वेद संकाय में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू दिया।

2 दिसंबर से जवाब न मिलने पर छात्र फिर संकाय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।

4 दिसंबर को फिरोज खान ने कला संकाय के संस्कृत डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति के लिए इंटरव्यू दिया।

7 दिसंबर कार्यकारिणी की बैठक में दोनों संकाय के इंटरव्यू में नियुक्ति पर मुहर लगाया गया।

8 दिसंबर आयुर्वेद विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज खान को अपने संकाय में ज्वाइन करने के लिए 1 महीने का समय दिया।

9 दिसंबर को संस्कृत धर्म विज्ञान संकाय से फिरोज खान ने इस्तीफा दिया।

10 दिसंबर को 34 दिनों से आंदोलन पर बैठे छात्रों ने अपना धरना समाप्त किया।


Conclusion:शशिकांत मिश्र ने बताया पिछले 34 दिनों से जो हमारा आंदोलन चल रहा था। महामना के संकल्पना और विधि द्वारा स्थापित नियम थे उनके विरुद्ध जो नियुक्ति हुई थी। फिरोज खान ने यहाँ से इस्तीफा दे दिया। विश्वविद्यालय में महामना की मूल्यों की रक्षा हुई। सभी छात्र छात्राएं प्रसन्न है धर्म की जीत हुई है। महामना मैं आज खुश होंगे कि उनके द्वारा बनाए गए विधि को उनके मानस पुत्रों ने लड़ाई लड़कर जीवित रखा। हम लोगों ने वैदिक मंत्र द्वारा संकल्प कर इस आंदोलन को प्रारंभ किया था।आज वैदिक मंत्रों के साथ हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ हमने इस आंदोलन को विजय होकर समाप्त किया।

बाईट :-- शशिकांत मिश्र, छात्र बीएचयू
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