जयपुर. याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा ने कहा कि प्रकरण में पुलिस ने याचिकाकर्ता को यह कहते हुए (Rajasthan High Court Stays on Cognition Order) दोषमुक्त कर दिया था कि प्रकरण में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं है. इसके बावजूद भी पॉक्सो कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रसंज्ञान ले लिया. ऐसे में पॉक्सो कोर्ट के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए.
जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पॉक्सो कोर्ट के प्रसंज्ञान आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि गत 31 अक्टूबर को पीड़ित बच्चे की मां ने (bharatpur minor child sexual misconduct case) मथुरा गेट थाने में जज जितेन्द्र गुलिया व दो अन्य के खिलाफ अपने नाबालिग बेटे के साथ कुकर्म करने का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद पुलिस ने गुलिया को गिरफ्तार किया था. वहीं, इसी दौरान हाईकोर्ट प्रशासन ने गुलिया को निलंबित कर दिया था.