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महंगाई के विरोध में उतरा भारतीय मजदूर संघ, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी...पेट्रोल-डीजल के दाम GST के दायरे में लाने की मांग

देश में लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर भारतीय मजदूर संघ केंद्र सरकार के विरोध में उतर आया है. संघ के सदस्यों ने पेट्रोल-डीजल के दाम को GST के दायरे में लाने की मांग की और सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

महंगाई के खिलाफ किया प्रदर्शन
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Published : Sep 9, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 5:41 PM IST

जयपुर. देशभर में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस कारण अन्य वस्तुएं भी महंगी होती जा रहीं हैं. इससे आम जनता परेशान हो रही है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर गुरुवार को भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर मोर्चा खोला और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पूरे देश में भारतीय मजदूर संघ की ओर से महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

भारतीय मजदूर संघ के सदस्य गुरुवार दोपहर जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. संघ ने पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग रखी. प्रदर्शन के दौरान एक महिला ने अपने सिर पर सिलेंडर रखकर केंद्र सरकार का विरोध किया.

महंगाई के खिलाफ किया प्रदर्शन

पढ़ें: चिदंबरम का वित्त मंत्री पर निशाना, कहा- किसानों की समस्या को समझने के लिए गांवों में नंगे पैर टहलें

भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण लोग शारीरिक और मानसिक रूप से पहले ही परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के हितों की अनदेखी कर लगातार महंगाई में वृद्धि की जा रही है. दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य में बढ़ोतरी के नाम पर देश में खाद्य तेलों और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की जा रही है.

समय रहते कीमतों पर नियंत्रण होना चाहिए था लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है और जनता का शोषण किया जा रहा है. बीएमएस ने कहा कि कंपनियां आपसी सांठगांठ कर कृत्रिम रूप से मूल्य बढ़ा कर अनुचित लाभ कमाने का प्रयास कर रही है. भारतीय मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के माध्यम से मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा है.

पढ़ें: गहलोत सरकार के खिलाफ ABVP ने खोला मोर्चा...जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर लगाए नारे

ज्ञापन में मांग की गई है कि उत्पादनकर्ता की ओर से प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाया जाए. आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण करने, पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्य सरकार की ओर से वैट की दर कम करने के साथ कहा गया है कि धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का झूठा बहाना कर कंपनियों एवं कुछ व्यक्तियों की ओर से अनुचित लाभ कमाया जा रहा है.

पढ़ें: कमेटी की बैठकों में उलझी विद्यार्थी मित्र और पंचायत सहायकों की मांगें, जयपुर में बिना अनुमति महापड़ाव शुरू

ऐसे मामलों में दोषी कंपनियों के व्यक्तियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत दंडित किया जाए. खाद्य तेलों, दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए. निजी क्षेत्र के श्रमिकों एवं कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने की क्षतिपूर्ति की जाए. विद्युत दरों को कम करें जिससे जनता को राहत मिल सके.

जिला मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि पूरे देश में भारतीय मजदूर संघ महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और उनकी मांग है कि पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ताकि महंगाई पर रोक लग सके.

जयपुर. देशभर में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस कारण अन्य वस्तुएं भी महंगी होती जा रहीं हैं. इससे आम जनता परेशान हो रही है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर गुरुवार को भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर मोर्चा खोला और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पूरे देश में भारतीय मजदूर संघ की ओर से महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

भारतीय मजदूर संघ के सदस्य गुरुवार दोपहर जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. संघ ने पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग रखी. प्रदर्शन के दौरान एक महिला ने अपने सिर पर सिलेंडर रखकर केंद्र सरकार का विरोध किया.

महंगाई के खिलाफ किया प्रदर्शन

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भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण लोग शारीरिक और मानसिक रूप से पहले ही परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के हितों की अनदेखी कर लगातार महंगाई में वृद्धि की जा रही है. दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य में बढ़ोतरी के नाम पर देश में खाद्य तेलों और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की जा रही है.

समय रहते कीमतों पर नियंत्रण होना चाहिए था लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है और जनता का शोषण किया जा रहा है. बीएमएस ने कहा कि कंपनियां आपसी सांठगांठ कर कृत्रिम रूप से मूल्य बढ़ा कर अनुचित लाभ कमाने का प्रयास कर रही है. भारतीय मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर के माध्यम से मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा है.

पढ़ें: गहलोत सरकार के खिलाफ ABVP ने खोला मोर्चा...जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर लगाए नारे

ज्ञापन में मांग की गई है कि उत्पादनकर्ता की ओर से प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाया जाए. आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण करने, पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्य सरकार की ओर से वैट की दर कम करने के साथ कहा गया है कि धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का झूठा बहाना कर कंपनियों एवं कुछ व्यक्तियों की ओर से अनुचित लाभ कमाया जा रहा है.

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ऐसे मामलों में दोषी कंपनियों के व्यक्तियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत दंडित किया जाए. खाद्य तेलों, दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए. निजी क्षेत्र के श्रमिकों एवं कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने की क्षतिपूर्ति की जाए. विद्युत दरों को कम करें जिससे जनता को राहत मिल सके.

जिला मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि पूरे देश में भारतीय मजदूर संघ महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और उनकी मांग है कि पेट्रोल-डीजल के दामों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ताकि महंगाई पर रोक लग सके.

Last Updated : Sep 9, 2021, 5:41 PM IST
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