जयपुर. केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान को भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association) ने किसानों का दीर्घकालीन नुकसान करने वाला निर्णय करार दिया है. संघ के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने एक बयान जारी कर कहा कि 3 कृषि कानून वापस लेने से किसानों का नुकसान होगा. हालांकि संघ ने प्रधानमंत्री के न्यूनतम समर्थन मूल्य को प्रभावी बनाने के लिए कमेटी की घोषणा के निर्णय का स्वागत किया है. कमेटी में गैर राजनीतिक सदस्यों को शामिल करने की मांग भी की है.
बद्री नारायण चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की केंद्रीय कृषि कानून वापस (Agricultural Law Repeal) लेने की घोषणा विवाद को टालने के लिए भले ही ठीक हो या फिर तथाकथित किसानों की हठधर्मिता के कारण यह निर्णय लिया हो लेकिन यह निर्णय किसानों को नुकसान पहुंचाने वालासाबित होगा.
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चौधरी के अनुसार किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान बाजार में उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिलने के कारण होता है. ऐसे में सरकार को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने से जुड़ा कानून बनाना चाहिए. साथ ही एमएसपी (MSP) को प्रभावी बनाने के लिए जो कमेटी बनाई है उसमें भी गैर राजनीतिक संगठनों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह हो तीनों केंद्रीय कृषि कानून जिन पर लंबे समय से सियासत हो रही थी उन्हें वापस लेने का ऐलान कर दिया. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भी एक कमेटी के गठन की बात कही है. जिस पर भारतीय किसान संघ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.