जयपुर. भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को बिजली, सिंचाई, मुआवजा, अनुदान, मंडी आदि से संबंधित मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन दिया. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में भी अपनी मांगों को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
ज्ञापन में बताया गया कि गत खरीफ सीजन से ही लगातार किसान बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, टिड्डी हमला, पाला जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. इस दौरान ब्याज मुक्त ऋण में कटौती, बिजली उपभोग के आधार पर विजिलैंस की कार्रवाई, पर्याप्त पानी होने के बावजूद भी सिंचाई के लिए पानी नहीं देने, समर्थन मूल्य पर खरीद, बिजली बिल में 833 रुपये के अनुदान आदि को लेकर किसान परेशान हैं. किसानों 25 मई से पूरे प्रदेश में बिजली बिलों में बहिष्कार कर सब डिवीजनों, तहसीलदार, जिला कलेक्टर, संभाग मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर अब तक 1350 से ज्यादा स्थानों पर ज्ञापन सरकार को भेज चुके हैं.
पढ़ें- हनुमानगढ़: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन...आंदोलन की चेतावनी
प्रांतीय अध्यक्ष कालूराम बागड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से किसानों की मांगें नहीं मानने पर किसानों को मजबूरी में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. अब अनिश्चितकालीन आंदोलन और ग्राम बंद के निर्णय पर मजबूर हो सकते हैं. कालूराम बागड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार में किसानों को 833 रुपये का अनुदान बिजली के बिल में मिलता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने यह अनुदान बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि किसानों के बिजली के दाम नहीं बढ़ाये जाएंगे. इसके बावजूद भी जो अनुदान मिल रहा था, उसे बंद कर दिया. यह भी एक तरह से बिजली के दाम बढ़ाने जैसा ही है. इस तरह सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है.
पढ़ें- बांसवाड़ा में भारतीय किसान संघ आंदोलन की राह पर, सरकार को चेताया
साथ ही कहा कि 2017 में सरकार ने घोषणा की थी कि 6 महीने तक बिजली के बिलों में कोई पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी, लेकिन इस सरकार ने यह पेनल्टी फिर से चालू कर दी है. पेनल्टी लगाने के बाद किसानों की कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं. इसे लेकर किसानों में आक्रोश है. किसानों ने बताया कि आज ज्ञापन देकर सभी जिलों में सरकार को चेतावनी दी गई है. कालूराम बागड़ा ने कहा कि आने वाली 27 या 28 जुलाई को हर तहसील स्तर पर भारतीय किसान संघ धरना प्रदर्शन करेगा. बागड़ा ने कहा कि इसके अलावा भी और भी कई मांगे हैं, जो सरकार के सामने रखी गई हैं.