जयपुर. राजधानी में शुक्रवार को आयोजित शिक्षा विभाग का सरकारी कार्यक्रम एक बार फिर राजनीतिक बयानों का अखाड़ा बना. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बीजेपी को शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं करने की नसीहत देते नजर आए. बिड़ला सभागार में आयोजित 25वें राज्यस्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में सीएम अशोक गहलोत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. कार्यक्रम में 173 भामाशाह और 52 प्रेरकों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई कुरीतियां हैं. सरकारी स्कूलों को भामाशाह के सहयोग की जरूरत है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने निजी स्कूल और अस्पताल लाभ नहीं कमाने के उद्देश्य से खोलने की अपील की. उन्होंने कहा कि लोग शिक्षा के क्षेत्र में नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम होना चाहिए. गहलोत ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के काम की तारीफ करते हुए कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और ना ही शिक्षा का राजनीतिकरण किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार की गुडविल होने के कारण इस बार 152 करोड़ का दान आया है. सम्मान कार्यक्र में गहलोत ने अपने पुराने नारे पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ में पेड़ लगाओ के संदेश को भी जोड़ा. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीते सालों में बीजेपी सरकार ने राजनीतिक हित साधने के लिए आरएसएस के मार्गदर्शन पर एनसीआरटी का पाठ्यक्रम बदल दिया. जिसे कांग्रेस सरकार ने आते ही सुधार दिया है. समारोह में सम्मानित हुए भामाशाह ने बताया की राजस्थान का हर छात्र पढ़े और प्रदेश का नाम रोशन करें, इसी प्रेरणा से उन्होंने करोड़ों रुपए शिक्षा के क्षेत्र में दान किए हैं.