जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में एकलपीठ के समक्ष लंबित मामले को खंडपीठ में मंगा लिया है. इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षकारों को कहा है कि अपनी लिखित बहस 15 दिसंबर तक अदालत में पेश करें. अदालत ने मंशा जताई है कि प्रकरण का निस्तारण शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले कर दिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने मामले में गठित कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के लिए सभी स्कूलों को 60 फीसदी ट्यूशन फीस लेने को कहा गया है. जबकि स्कूल खुलने के बाद कक्षा 9 से 12 तक बोर्ड जितना फीसदी सिलेबस कम करेगा, उतनी फीसदी ट्यूशन फीस कम की जाएगी. इसकी गणना पिछले साल ली गई फीस के आधार पर की जाएगी. फिलहाल सीबीएसई ने तीस फीसदी और राजस्थान बोर्ड ने चालीस फीसदी सिलेबस कम करने की सहमति दी है.
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वहीं एक अभिभावक की ओर से कहा गया कि पूरे साल के ट्यूशन फीस का 30 फीसदी ही लिया जाना चाहिए. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने प्रकरण की अंतिम सुनवाई 15 दिसंबर को तय की है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों की 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूल करने की छूट दी थी. राज्य सरकार व अन्य की इस आदेश के खिलाफ अपील पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को अंतरिम रूप से फीस तय करने को कहा था.