जयपुर. राजस्थान टाईगर रिजर्व पार्क की श्रेणी में अग्रणी राज्यों में शामिल होता जा रहा हैं. सरिस्का, मुकुंदरा, रणथम्भौर नेशनल पार्क के बाद अब चौथा टाइगर रिजर्व कुंभलगढ़ में बनाने की तैयारी चल रही है. इसी बीच राजस्थान वन विभाग के वन मंत्री सुखराम विश्नोई अब प्रदेश के ईको ट्यूरिजम को बढ़ावा देने के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट ला रहे है. यह प्रोजेक्ट राजस्थान का पहला ऐसा नेशनल पार्क होगा जो भालूओं के लिए संरक्षित होगा. जालोर के सुण्डा माता मंदिर के जंगल भालूओं के लिहाज से बेस्ट डेस्टिनेशन माने जाते हैं.
जालोर सुण्डा माता मंदिर फोरेस्ट क्षेत्र की भोगोलिक स्थिति की भालूओं के लिए काफी अनुकूल मानी जाती है. जालोर के जंगलों में शहद से लेकर गूल्लर के पेड़ों की भरमार हैं. वन विभाग का मामना हैं की जालोर के जंगलों को सुरक्षित और वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए ये प्लान काफी मददगार साबित हो सकता हैं.जालोर के सुण्डामाता मंदिर रेंज के लिए वन विभाग कजर्वेशव प्लान बनाने पर काम कर रहा हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में बालों की काफी अच्छी तादाद है. ऐसे में भालुओं को प्राकृतिक माहौल मिल सकेगा. जंगल में इंसानी गतिविधियों और अतिक्रमणों पर अंकूश लग सके इस लिहाज ये प्रोजेक्ट अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होगा. इसके साथ ही पर्यटन के लिहाज से यह प्रोजेक्ट पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.
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हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रिय वाइल्डलाइफ बोर्ड में मंजूरी लेनी होगी. राजस्थान के वन मंत्री सुखराम विश्नोई अनुमति के लिए प्रयासरत है.राजस्थान के जालोर के जंगलों में भालुओ की अच्छी सख्या देखने को मिलती है. ऐसे में प्रदेश को टूरिज्म में अव्वल बनाने के लिए इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के पीछ सरकार की मंशा वन्यजीवों को संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यटन को बढाना देना हैं. जालोर में भालूओं के लिए अभ्यारण बनने के बाद यहा पर्यटन की नई सम्भावनाएं भी बढे़गी.