जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की दिशा में अभियान जारी है. कोटा एसीबी की बारां में कार्रवाई पर बड़ा खुलासा होने के बाद राज्य सरकार ने बारां जिला कलेक्टर इंद्र सिंह को एपीओ किया है. एसीबी ने जिला कलेक्टर इंद्र सिंह के पीए को 1 लाख 40 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के ओएसडी समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे इंद्र सिंह छठी बार एपीओ हुए हैं. इसके अलावा एक बार सस्पेंड भी हो चुके हैं.
दरअसल एसीबी की प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ कि रिश्वत लेने के मामले में कलेक्टर इंद्र सिंह की अपरोक्ष रूप से संलिप्तता है. कलेक्टर के पीए ने पेट्रोल पंप की एनओसी देने के मामले में एक लाख 40 हजार की रिश्वत ली.
इधर पीए ने रिश्वत ली, उधर जिला कलेक्टर ने काम कर दिया. परिवादी का लंबे समय से पेंडिंग काम रिश्वत के बाद हुआ. एसीबी ने रिश्वत लेते हुए कलेक्टर के पीए को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि अब जिला कलेक्टर इंद्र सिंह का नाम भी एफआईआर में दर्ज किया जाएगा. प्रमोटी आईएएस इंद्र सिंह को राज्य सरकार ने 25 दिसंबर 2018 को बारां जिले का कलेक्टर बनाया था.
इंद्र सिंह राव UPA राज के दौरान तत्कालीन संचार और आईटी राज्य मंत्री सचिन पायलट के OSD रह चुके हैं. इंद्र सिंह आरएएस अफसर थे, लेकिन बाद में प्रमोशन से आईएएस अफसर बन गए. इंद्र सिंह कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. 5 बार एपीओ हो चुके हैं, अब छठी बार एपीओ हुए हैं. एक बार सस्पेंड भी हो चुके हैं. कलेक्टर बनने से पहले रेवेन्यू बोर्ड अजमेर के सदस्य थे. एडीएम सिटी बीकानेर समेत राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ के एसडीएम रह चुके हैं.
पायलट के ओएसडी भी रह चुके हैं
इंद्र सिंह राव राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के ओएसडी भी रह चुके हैं. जानकारी के मुताबिक सचिन पायलट जब अजमेर से सांसद थे, तब वह पायलट के ओसएडी भी रह चुके हैं.