जयपुर. आप सोचिए अगर बिन बारात शादी की रस्में निभाई जाएगी तो कैसा लगेगा लेकिन इस बार कोरोना रिटर्न में ये भी मुमकिन होगा. जहां शादियों में बैंड तो बजेगा लेकिन बारात नहीं निकलेंगी. ऐसे हैरतअंगेज नियमों के चलते घराती और बाराती के साथ-साथ बैंड वादक भी असमंजस में है. यही वजह है कि बैंड संचालक अब परेशान है. इस आदेश के चलते उनके पहले से लिए गए ऑर्डर भी कैंसल हो रहे है और शादी-ब्याह वाले भी करें तो क्या करें.
देवउठनी एकादशी 25 नवंबर से सर्दियों के सीजन के सावे शुरू हो रहे है. साल के आखिरी 2 महीने नवंबर और दिसंबर में कुल आठ सावे है. ऐसे में इस सीजन में जयपुर शहर में करीब 8 हजार जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे. ऐसे में एक विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या भी 100 तक सीमित कर दी गई है.
बेरोजगार हुए लाइटें पकड़नेवाले
वहीं अब धूमधाम से निकलने वाली गली-कॉलोनियों में बारात पर भी पाबंदी लगा दी गई है. जिसके चलते अब धूमधाम से निकलने वाली बंदौली भी नहीं निकल सकती और सीधे समारोह स्थल पर ही दूल्हा तोरण मार सकेगा. ऐसे में बंदौली के साथ लाइटें पकड़ने वाले भी बेरोजगार हो गए.
बैंड बाजा बजा सकते हैं लेकिन नहीं निकेलेगी बिंदौली
लॉ एंड आर्डर एडिशनल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि अब तक के आदेशानुसार मैरिज गार्डन या होटल के अंदर ही ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति है. ऐसे में बैंड वादन पर किसी तरह की रोक नहीं है वो बैंड बजा सकतें है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का तहत सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए सड़क पर बिंदौली नहीं निकाले दी जाएगी. इसके अलावा मैरिज गार्डन के अंदर या उसके बाहर खड़े होकर बैंड बजाने की अनुमति भी वर-वधु पक्ष को लेनी होगी लेकिन सड़कों पर बैंड पर डांस की अनुमति नहीं होगी.
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इस आदेश के बाद पहले से जूझ रहे बैंड संचालकों के सामने ओर परेशानी आ खड़ी हुई है. पहले से लाखों लोग बेरोजगार है और उपर से इस निर्देश के बाद पहले से हुई बुकिंग भी रद्द हो रही है. यहां तक कि वर-वधु पक्ष बैंड को बुक ही नहीं कर रहे है. जिसके चलते उनके सामने एक विकेट परिस्थिति खड़ी हो गई है.
बेलदारी करने और सब्जी बेचने को मजबूर
उनका कहेना है कि जब बारात ही नहीं निकलेंगी तो कौन बैंड की बुकिंग करेगा. ऐसे में पहले से बेलदारी करने और सब्जी बेचने को मजबूर बैंड वादकों की एक बार फिर आस टूट चुकी है.
ऐसे में सड़क पर बैंड बाजों के साथ बारात किसी भी समय नहीं निकाली जा सकेगी. जिसके चलते वर-वधु पक्ष बैंड बुकिंग भी कैंसल कर रहे है. जिसके चलते बैंडबाजे, लाइट और लावाजमे के काम से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.