जयपुर. टेरर फंडिंग और अन्य आतंकी गतिविधियों में नाम सामने आने के बाद पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े 8 संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया. केंद्र सरकार के पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राजस्थान सरकार ने भी एडवाइजरी जारी करते हुए (Action on PFI In Rajasthan) विभिन्न जिलों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान में पीएफआई मॉड्यूल बारां, कोटा, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर में ज्यादा एक्टिव रहा है. साथ ही सेंट्रल आईबी ने जो रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी है.
उसके अनुसार राजस्थान में पीएफआई के तकरीबन 400 सदस्य एक्टिव हैं. एनआईए ने जो पूरे देश भर में पीएफआई के विभिन्न कार्यालयों पर छापेमारी की गई उस दौरान पीएफआई के एक्टिव सदस्य अंडर ग्राउंड हो गए जो अभी भी छुपते फिर रहे हैं. एक्टिव सदस्य आने वाले समय में प्रदेश में किसी तरह का कोई विद्रोह या आंदोलन कर कानून-व्यवस्था को खराब ना कर सकें. इसे देखते हुए कई जिलों को अलर्ट किया गया है, साथ ही रिजर्व फोर्स भी पुलिस मुख्यालय से उपलब्ध करवाई जा रही है. डीजीपी एमएल लाठर का कहना है कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद राजस्थान में पीएफआई के तमाम कार्यालय सीज किए जा चुके हैं. पीएफआई से जुड़े सदस्य व अन्य लोग पीएफआई के बैनर तले किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं कर सकते, यदि वह ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान में यह रहा पीएफआई पर एक्शन : पिछले दिनों 21 सितंबर की आधी रात को एनआईए, ईडी की टीमों ने स्टेट पुलिस के सहयोग से पीएफआई के टॉप लीडर्स, मेंबर्स और उनके ठिकानों पर छापामारी की. इन 15 राज्यों में राजस्थान भी शामिल था. जहां जयपुर के अलावा उदयपुर, कोटा, बारां, बूंदी, टोंक व अन्य जगहों पर एनआईए की टीमों ने रात 2 बजे औचक छापामारी की. जयपुर में मोतीडूंगरी रोड पर (Rajasthan ATS Surveillance on PFI) पीएफआई के प्रदेश मुख्यालय पर छापामारी हुई. वहीं, पीएफआई का राजस्थान में कामकाज देख रहे प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद आसिफ को केरल से एनआईए ने पकड़ा. इसके अलावा कई संदिग्धों से पूछताछ की गई.
राजस्थान एटीएस और खुफिया विभाग ने बढ़ाई निगरानी : पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद इस संगठन से जुड़े प्रदेश व जिलों के पदाधिकारी भूमिगत हो गए. वहीं, पीएफआई के एक्टिव सदस्यों व पदाधिकारियों की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों के अलावा राजस्थान पुलिस और आतंकवादी निरोधक दस्ते की नजर है. वहीं, पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद राजस्थान में भी गृह विभाग ने डीजीपी, एटीएस एवं एसओजी के एडीजी, रेंज आईजी व पुलिस कमिश्नर को लिखित आदेश देकर विधि विरूद्ध क्रियाकलाप की धारा 7 व 8 के अंतर्गत कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है.
कोटा संभाग में सबसे ज्यादा एक्टिव था पीएफआई : सेंट्रल आईबी के अनुसार राजस्थान में पिछले करीब 10 साल से पीएफआई संगठन ने काम करना शुरू किया. इसमें प्रदेश मुख्यालय जयपुर में मोतीडूंगरी रोड पर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में एक मकान में खोला गया. सूत्रों के अनुसार प्रदेशभर में करीब 400 एक्टिव सदस्य हैं. इनमें जयपुर में करीब 70-80 एक्टिव मेंबर हैं. इस संगठन की जड़ें सबसे ज्यादा कोटा, बूंदी, बारां, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा, टोंक व अजमेर के आसपास के इलाकों में विस्तार हुआ. खुद प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद आसिफ भी कोटा में सांगोद का रहने वाला है. वहीं, पकड़ा गया एसडीपीआई का सचिव बारां जिले का है, जिसे भी एनआईए ने पकड़ा है. पीएफआई से जुड़े हुए कई एक्टिव सदस्य व पदाधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई से खुद को बचाने के लिए एसडीपीआई का दामन भी थाम रखा है.
पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को दी जाती 3 लेवल की ट्रेनिंग : स्टेट पुलिस व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में पीएफआई को बाहर से फंडिंग की जानकारी सामने आई है. पिछले दिनों करौली, उदयपुर व जोधपुर में हुई हिंसा के तार भी पीएफआई से जुड़ा होना बताया जा रहा है. बताया जाता है कि इसके सदस्यों को तीन लेवल की ट्रेनिंग दी जाती. पहली ट्रेनिंग जयपुर में कुछ मुस्लिम बाहुल वाले इलाकों जैसे कि भट्टाबस्ती, ईदगाह व शास्त्री नगर आदि क्षेत्र में होती थी. वहीं, दूसरी ट्रेनिंग 7 दिन की कोटा, सवाईमाधोपुर व अन्य जिलों में होती. इसके बाद सक्रिय सदस्यों को 15 दिन की बड़ी ट्रेनिंग के लिए केरल भेजा जाता.
पीएफआई की बड़ी रैली के बाद गरमाई सियासत : वर्ष 2022 की 17 फरवरी को कोटा में पीएफआई की बड़ी रैली का आयोजन हुआ था. प्रशासन ने इस रैली की अनुमति दी थी. रैली का नाम ग्रांड पब्लिक मीट दिया गया था, जिसमें हजारों की संख्या में महिला व पुरुष नयापुरा स्टेडियम में जुटे थे. कांग्रेस सरकार द्वारा रैली की अनुमति देने के चलते प्रदेश में सियासत भी गरमा गई थी. भाजपा ने सरकार को अनुमति देने पर आड़े हाथों लिया था.