जयपुर. जिले में सोमवार को इटली के निवाली में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद से जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान में इस वायरस को लेकर दहशत का माहौल बन गया है. यह दहशत केवल आम लोगों में ही नहीं बल्कि राजस्थान के विधायकों में भी है.
क्योंकि इस बीमारी की दवा अब तक नहीं बनी है, यही कारण है कि विधायक राजस्थान विधानसभा में एलोपैथी की जगह आयुर्वेद चिकित्सालय में जाकर इस बीमारी के इलाज के बारे में पूछताछ कर रहे हैं. वहीं, राजस्थान विधानसभा के आयुर्वेद के डॉक्टर इसके इलाज का दावा भी करते नजर आ रहे हैं.
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विधानसभा में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पीयूष त्रिवेदी ने दावा किया कि इस बीमारी का इलाज आयुर्वेद में मौजूद है और वह विधायकों को बकायदा इलाज बता भी रहे और उनको अपने क्षेत्र में इस इलाज को इस्तेमाल करने की सलाह भी दे रहे हैं.
डॉक्टर त्रिवेदी के अनुसार इस घातक बीमारी के इलाज के लिए गाय का घी, गोमूत्र, गोबर की राख, गाय का दूध, जावित्री का फल का हवन, ग्वारपाठे का हथेली और पैर के तलवों पर, लहसुन का प्रयोग, गिलोय का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं और इसके इलाज का दावा भी कर रहे हैं. डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा कि उनके पास लगातार विधायक इस बीमारी के इलाज के बारे में पूछने आ रहे हैं.
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अब तक 12 से ज्यादा विधायक उनके पास आए हैं, जो न केवल खुद के लिए बल्कि अपने क्षेत्र में इस बीमारी के रोकथाम के लिए उनसे पूछ रहे हैं. डॉक्टर त्रिवेदी के पास कोरोना वायरस के बारे में पूछने आए कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक ने माना की बीमारी गंभीर है, जिसके बारे में जानने की जिज्ञासा के चलते ही वह विधानसभा के आयुर्वेद औषधालय आए हैं.
विधायक ने कहा कि जो इलाज उन्हें डॉक्टर ने बताया है वह अपने क्षेत्र के लोगों को भी इससे अवगत करवाएंगे. पारीक ने कहा कि वह जब डॉक्टर के पास आए थे तो इस बीमारी की उन्हें भी दहशत थी. लेकिन आयुर्वेद से इसका इलाज होने की जानकारी के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है.