जयपुर. सरकार बदलने के साथ पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को बदलने का जैसे एक रिवाज बन गया है. यही वजह है कि प्रदेश में गहलोत सरकार के आने के साथ पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों पर कैंची चलना तेज हो गई है. पहले रैफल्स विश्वविद्यालय की मान्यता रद्द करने के बाद अब पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 2016 में मुहाना मंडी में आवंटित 39 वाणिज्यिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर दिया है .
राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार बनने के साथ ही पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के लिए गए निर्णयों की समीक्षा के साथ उस पर कार्रवाई भी तेज हो गई है. राज्य सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए मुहाना मंडी में आवंटित करोड़ों रुपये की आवंटित वाणिज्यिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है. राज्य सरकार ने जांच में भारी अनियमितता पायी है. आईटी और नीलामी प्रक्रिया में कई नियमों को नजरअंदाज किया गया. ऐसे में नीलामी प्रक्रिया निरस्त करते हुए नए सिरे से नीलामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
पढे़ं. संसद से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पारित, लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
दरअसल 19 सितम्बर 2016 को मुहाना मंडी में आवंटित 39 वाणिज्यिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हुई थी. इसके लिए 41 बोलीदाताओं ने बोली लगाई थी. कृषि विपणन निदेशालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता, व्यापक प्रचार -प्रसार और अन्य त्रुटियों के कारण नीलामी प्रक्रिया निरस्त की गई है. इसके बाद बोलीदाताओं को मुहाना मंडी के कार्यालय में जमा राशि लौटाने के निर्देश भी दिए गए .