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बागी विधायकों का मामलाः स्पीकर सीपी जोशी मंगलवार तक नहीं करेंगे कार्रवाई

विधानसभा स्पीकर मंगलवार तक बागी विधायकों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. मामले में स्पीकर की ओर से हाईकोर्ट को आश्वासन दिया गया है.

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विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी
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Published : Jul 17, 2020, 5:40 PM IST

Updated : Jul 17, 2020, 7:40 PM IST

जयपुर. विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए गए अयोग्यता के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को लंबी बहस के बाद सुनवाई 20 जुलाई को सुबह 10:00 बजे तक टल गई है. स्पीकर की ओर से मामले में की जाने वाली कार्रवाई भी अब 21 जुलाई को शाम 5:30 पर की जाएगी.

साथ ही अदालत ने मामले में स्पीकर के समक्ष याचिका पेश करने वाले महेश जोशी को पक्षकार बनाते हुए उन्हें शनिवार को जवाब पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

स्पीकर सीपी जोशी मंगलवार तक नहीं करेंगे कार्रवाई

पढ़ें- बागी विधायकों का मामलाः HC में अब 20 जुलाई को सुबह 10 बजे होगी सुनवाई

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने नोटिस की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया गया है. पार्टी के ही दूसरे नेताओं से वैचारिक असहमति होने का अर्थ यह नहीं है कि उनका आचरण पार्टी विरोधी है. ऐसे में संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा 2 के तहत यह नहीं माना जा सकता कि वे स्वेच्छा से पार्टी छोड़ना चाहते हैं.

याचिकाकर्ताओं ने पार्टी के नेता को लेकर बयान दिए हैं ना कि पार्टी के खिलाफ, ऐसे में स्पीकर की ओर से उन्हें नोटिस जारी करना संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश की गई है. इसके अलावा नियमों के खिलाफ जाकर 7 दिन के बजाय 3 दिन का नोटिस ही दिया है. दूसरी ओर समान मामले में बसपा विधायकों के खिलाफ मदन दिलावर की ओर से सितंबर 2019 में की गई शिकायत अभी तक स्पीकर के सामने लंबित है. वहीं विधानसभा के बाहर व्हिप लागू नहीं किया जा सकता.

दूसरी ओर स्पीकर की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल और अधिवक्ता दर्श पारीक ने स्पीकर की ओर से जारी नोटिस को नियमानुसार देना बताते हुए कहा कि संविधान प्रदत्त शक्तियों के तहत ही नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं याचिका प्रीमेच्योर होने के कारण खारिज की जाए.

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने स्पीकर की ओर से मामले में शुक्रवार शाम तक कार्रवाई नहीं करने को लेकर पूर्व में दिए सहमति पत्र को मंगलवार शाम 5:30 बजे तक बढ़ाने के लिए अपनी सहमति दी. इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार सुबह 10:00 बजे तक टाल दी है.

इन विधायकों को भेजा गया है नोटिस

गौरतलब है कि स्पीकर सीपी जोशी की ओर से सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है.

जयपुर. विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए गए अयोग्यता के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को लंबी बहस के बाद सुनवाई 20 जुलाई को सुबह 10:00 बजे तक टल गई है. स्पीकर की ओर से मामले में की जाने वाली कार्रवाई भी अब 21 जुलाई को शाम 5:30 पर की जाएगी.

साथ ही अदालत ने मामले में स्पीकर के समक्ष याचिका पेश करने वाले महेश जोशी को पक्षकार बनाते हुए उन्हें शनिवार को जवाब पेश करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

स्पीकर सीपी जोशी मंगलवार तक नहीं करेंगे कार्रवाई

पढ़ें- बागी विधायकों का मामलाः HC में अब 20 जुलाई को सुबह 10 बजे होगी सुनवाई

याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने नोटिस की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया गया है. पार्टी के ही दूसरे नेताओं से वैचारिक असहमति होने का अर्थ यह नहीं है कि उनका आचरण पार्टी विरोधी है. ऐसे में संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा 2 के तहत यह नहीं माना जा सकता कि वे स्वेच्छा से पार्टी छोड़ना चाहते हैं.

याचिकाकर्ताओं ने पार्टी के नेता को लेकर बयान दिए हैं ना कि पार्टी के खिलाफ, ऐसे में स्पीकर की ओर से उन्हें नोटिस जारी करना संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश की गई है. इसके अलावा नियमों के खिलाफ जाकर 7 दिन के बजाय 3 दिन का नोटिस ही दिया है. दूसरी ओर समान मामले में बसपा विधायकों के खिलाफ मदन दिलावर की ओर से सितंबर 2019 में की गई शिकायत अभी तक स्पीकर के सामने लंबित है. वहीं विधानसभा के बाहर व्हिप लागू नहीं किया जा सकता.

दूसरी ओर स्पीकर की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल और अधिवक्ता दर्श पारीक ने स्पीकर की ओर से जारी नोटिस को नियमानुसार देना बताते हुए कहा कि संविधान प्रदत्त शक्तियों के तहत ही नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं याचिका प्रीमेच्योर होने के कारण खारिज की जाए.

सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने स्पीकर की ओर से मामले में शुक्रवार शाम तक कार्रवाई नहीं करने को लेकर पूर्व में दिए सहमति पत्र को मंगलवार शाम 5:30 बजे तक बढ़ाने के लिए अपनी सहमति दी. इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार सुबह 10:00 बजे तक टाल दी है.

इन विधायकों को भेजा गया है नोटिस

गौरतलब है कि स्पीकर सीपी जोशी की ओर से सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है.

Last Updated : Jul 17, 2020, 7:40 PM IST
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