जयपुर. विश्वव्यापी कोरोना वायरस संक्रमण काल में लंबे समय से विभिन्न संगठनों और समाजों की ओर से पत्र लिखकर और अन्य माध्यम से लगातार मांग उठ रही थी कि दैनिक मजदूरी करने वाले आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ये मजदूर अपने परिवार के भरण-पोषण करने में भी असमर्थ हैं, ऐसे लोगों को सरकार की ओर से राहत दी जाए.
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सेन ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्र लिखकर ओबीसी की कामगार जातियों को खाद्यान्न वितरण और आर्थिक सहायता की मांग की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी संगठनों और समाजों की मांग को जायज मानते हुए नाई, धोबी, मोची, आरा मशीन कारीगर, पान की दुकान, ऑटो चालक, घरेलू नौकर, निर्माण मजदूर, घरेलू नौकर समेत 26 श्रेणी के लोगों को विशेष श्रेणी परिवार मानते हुए समस्त कलेक्टर को उनकी सूची बनाकर सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है.
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17 मई तक मांगा नाम
बता दें कि इसके लिए विशेष श्रेणी के परिवारों के सर्वे जनाधार डाटा के आधार पर, गैर एनएफएसए परिवारों का ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का ग्राम बार और वार्ड डाटा 17 मई तक मांगा है. इसका सर्वे जिला कलेक्टर की ओर से राहत विभाग और आपदा प्रबंधन हेतु गठित ग्राम स्तरीय कोर ग्रुप एवं बीएलओ के माध्यम से सर्वे करवाकर पात्र परिवारों का चिन्हीकरण किया जाएगा.
शहरी क्षेत्रों में यह काम नगरीय निकाय और बीएलओ के माध्यम से करवाया जाएगा. चयनित परिवारों को पहले कोविड-19 के तहत दी जा रही राशन सामग्री तो दी ही जाएगी, उसके साथ ही इन 26 कैटेगरी को ढाई हजार रुपए नकद भी दिए जाने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है.
इनको दी जाएगी मदद
नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, भिखारी, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, पान की दुकान, रेस्टोरेंट में कार्यरत वेटर, रद्दी वाले, निर्माण मजदूर, कोरोना के कारण बंद हुए उद्योगों में लगे हुए मजदूर, होटल रेस्टोरेंट में कार्यरत मजदूर, माइग्रेंट लेबर जो बाहर से आए हैं.
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साथ ही ड्राइवर कंडक्टर, जूते पॉलिश करने वाले स्ट्रीट वेंडर जो एनएफएसए में नहीं हो, ठेले वाले, रेहडी वाले, मंदिर में पूजा पाठ कराने वाले पंडित, अन्य पूजा पाठ कराने वाले पंडित, मैरिज पैलेस में काम करने वाले मजदूर, सिनेमा हॉल में काम करने वाले मजदूर, कोचिंग संस्थानों में सफाई नौकर का काम करने वाले व्यक्ति, बैंड वादक, घोड़ी वाला, कैटरिंग कार्य से संबंधित कार्मिक और आरा मशीन श्रमिक.