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गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र, कहा- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना घोषित हो राष्ट्रीय परियोजना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया है, कि करीब 37 हजार 247 करोड़ रुपये की लागत वाले राजस्थान नहर परियोजना यानि ERCP (इस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट) को जल्द ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.

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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र
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Published : Feb 7, 2020, 11:28 AM IST

Updated : Feb 7, 2020, 4:09 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया है, कि करीब 37 हजार 247 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को शीघ्र ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र

सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा है, कि ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना प्रस्तावित है.

पढ़ें. मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक, बजट का पैसा खर्च नहीं होने पर अधिकारियों को लगाई लताड़

मुख्यमंत्री ने लिखा है, कि केन्द्र सरकार ने पहले 16 विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी परियोजना को ये दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है. प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना जरूरी है.

पिछले साल जून में दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने ये मामला उठाया था. मुख्यमंत्री ने उस बैठक में पीएम मोदी को उनका वादा याद दिलाते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में स्वीकृति देने की मांग की थी.

ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों की साल 2051 तक पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया है, कि करीब 37 हजार 247 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को शीघ्र ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र

सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा है, कि ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना प्रस्तावित है.

पढ़ें. मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक, बजट का पैसा खर्च नहीं होने पर अधिकारियों को लगाई लताड़

मुख्यमंत्री ने लिखा है, कि केन्द्र सरकार ने पहले 16 विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी परियोजना को ये दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है. प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना जरूरी है.

पिछले साल जून में दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने ये मामला उठाया था. मुख्यमंत्री ने उस बैठक में पीएम मोदी को उनका वादा याद दिलाते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में स्वीकृति देने की मांग की थी.

ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों की साल 2051 तक पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी.

Intro:मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री को पत्र लिखा
‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना घोषित हो राष्ट्रीय परियोजना’

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है। उन्होंने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि लगभग 37 हजार 247 करोड़ रूपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को शीघ्र ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए।
सीएम गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ 26 विभिन्न वृहद् एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से 2.8 लाख हैक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई जल उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। केन्द्रीय जल आयोग के पास अनुमोदन के लिए प्रस्तुत ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना से मॉनसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध एवं मेज नदियों के सब बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, गंभीर एवं पार्बती नदियों के सब बेसिन में पहुंचाया जाना है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है, लेकिन राजस्थान की किसी भी परियोजना को यह दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसकी जल्द क्रियान्विति सुनिश्चित करना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जून माह में दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में भी गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष यह मामला उठाया था। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में पीएम मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान किया गया उनका वादा याद दिलाते हुए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों को वर्ष 2051 तक पीने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। Body:ViConclusion:Vo
Last Updated : Feb 7, 2020, 4:09 PM IST
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