जयपुर. प्रदेश के खेल को बढ़ावा देने के लिए अब गहलोत सरकार सीएसआर के जरिये कंपनियों से सहयोग लेगी. इसको लेकर युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से सीएसआर के जरिए खेलों में उद्योगों की सहभागिता बढ़ाने का काम किया जा रहा है. सीएसआर का ज्यादा से ज्यादा पैसा खेलों के लिए लाने के प्रयास किए जाएंगे.
दरअसल विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान में विधायक भारत सिंह ने एक उद्यमी-एक खेल योजना अंतर्गत खेलों का विकास किस तरह से होगा ये सवाल लगाया था. इसका जवाब देते हुए खेल राज्य मंत्री अशोक ने कहा कि जो उद्योग जिस क्षेत्र में लग रहा है उस क्षेत्र के खेलों के विकास में उनका सहयोग लिए जाने की जरूरत है. इसके लिए उद्योगों से बात करके खेलों के विकास में उनकी सहभागिता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
मंत्री चांदना ने सदन में बताया कि एक उद्यमी- एक खेल योजना के अन्तर्गत स्टेट गेम्स में विभिन्न उद्योगों द्वारा सहयोग राशि प्राप्त की गई थी. इस दौरान 18 खेलों को अलग-अलग घरानों को दे दिया गया था. इसके तहत एसबीआई की ओर से 27 लाख, आईओसी की ओर से 25 लाख, राजस्थान स्टेट माइन्स एण्ड मिनरल्स की ओर से 24 लाख, शिव नरेश प्राइवेट लि0 की ओर से 50 लाख, एयू बैंक, गोगामेड़ी हनुमानगढ़, जिन्दल सॉ0 लि0 तथा नरसी इन्टीरियर की ओर से लगभग 11-11 लाख रुपये और श्याम मन्दिर कमेटी, श्री फाउण्डेशन ट्रस्ट, सीइओ एसएसएमएम और आरएसडब्लूएम लि0. की ओर से लगभग 5-5 लाख रुपये की सहयोग राशि प्रदान की गई थी.
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उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन मॉनिटरिंग का काम जिलों में संचालित जिला क्रीड़ा परिषद द्वारा किया जाता है. अशोक ने विधायक भरत सिंह कुन्दनपुर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी हेतु औद्योगिक घरानों से सहयोग ले रही है. साथ ही आगे कोशिश होगी की कोटा में कोचिंग हब बना हुआ है, जहां कई कोचिंग संसथान स्थापित है उन्हें भी सीएसआर के जरिये खेलों से जोड़ा जायेगा. ताकि प्रदेश के खेलों को और खिलाडियों को बढ़ावा मिला सके, चांदना ने कहा सरकार की इच्छा है कि प्रदेश में अधिक से अधिक खेल को प्रोत्साहन मिले इसके लिए पिछले दिनों स्टेट खेल भी किया था.