जयपुर. गांधीनगर महिला और बाल विकास विभाग के बाहर आशा सहयोगिनियों का धरना सातवें दिन मंगलवार को भी जारी रहा. सरकार की ओर से मांग नहीं माने जाने के बाद मंगलवार से छह आशा सहयोगिनियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी.
अपनी मांगों को लेकर आशा सहयोगिनियां पिछले 6 दिन से सर्दी में धरने पर बैठी हुई हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. आशा सहयोगिनियों में इस बात को लेकर भी रोष है कि विभाग की मुखिया एक महिला है इसके बावजूद भी वे आशा सहयोगिनियों की सुनवाई नहीं कर रही. वार्ता विफल होने के बाद दोबारा बातचीत का कोई न्यौता नहीं मिला.
वहीं, सोमवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदेश के कई जिलों से आशा सहयोगिनियां धरने में शामिल हुई थी और कार्यालय के बाहर सड़क को भी जाम कर दिया था. मंगलवार को पांच आशा सहयोगिनियां भूख हड़ताल पर बैठ गई है और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी.
इनकी मांग है कि या तो उनका मानदेय बढ़ाकर 18 हजार रुपए किया जाए या उनको स्थाई किया जाए. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग को लेकर कोई लिखित में आश्वासन नहीं मिलता है तब तक धरना जारी रहेगा. इससे पहले विभाग के निदेशक केके पाठक और सचिव सिद्धार्थ महाजन से भी उनकी बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये वार्ता पूरी तरह से विफल रही थी. मंगलवार को आशा सहयोगिनी कौशल्या ढाका, बबीता शर्मा, सुनीता, निर्मला, शीला पांचाल, मंजू शर्मा भूख हड़ताल पर बैठी हैं.
बुधवार को विशाल रैली...
मानदेय और नियमित करने की मांग को लेकर आशा सहयोगिनियों ने बुधवार को विशाल रैली निकालने का ऐलान किया है. कौशल्या ढाका ने कहा कि सुबह 11:30 बजे से आशा सहयोगिनी 22 गोदाम पर जमा होंगी और इसके बाद 1:30 बजे से सिविल लाइंस फाटक तक रैली निकाली जाएगी.