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डूंगरपुर हिंसा: "सत्ता में बने रहने की भूख ने पूरे क्षेत्र को सामाजिक विद्वेष की आग में ढकेलने का काम किया"

बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने डूंगरपुर हिंसा के लिए गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री गहलोत पर समय रहते एक्शन नहीं लेने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने सरकार से पीड़ित लोगों को मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.

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अरुण चतुर्वेदी ने डूंगरपुर हिंसा के लिए गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया
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Published : Sep 29, 2020, 12:25 AM IST

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने डूंगरपुर हिंसा मामले में गहलोत सरकार के असफल होने का आरोप लगाया. बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने डूंगरपुर हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया. चतुर्वेदी ने कहा कि जब 18 सितम्बर को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक और डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक ने इन गतिविधियों के बारे में बता दिया तब राज्य सरकार 10 दिन तक किसके इंतजार में बैठी थी.

पढ़ें: राजधानी शर्मसार: मदद मांगने पर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, 4 आरोपी गिरफ्तार

चतुर्वेदी ने कहा कि अगर सरकार तुरंत प्रशासनिक-राजनीतिक समाधान शुरू कर देती तो शायद उस पूरे इलाके में अशांति और अराजकता की स्थिति नहीं होती. राज्य सरकार के पास गुप्तचर एजेंसियों के माध्यम से काफी समय पहले ही बाहर से आकर एक विचारधारा के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों को भडकाने और इस आंदोलन में भी दूसरे राज्य के लोगों के आंदोलन में शामिल होकर इसको हिंसक बनाने का प्रयास किया गया, तब भी सरकार ने स्थिति को गंभीरता ने नहीं लिया.

गहलोत पर वार

पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में कहीं न कहीं मुख्यमंत्री द्वारा सत्ता संतुलन बिगड़ने की आशंका के कारण भी प्रभावी कार्यवाही न करना परिलक्षित होता है. सरकार की निष्क्रीयता, समय पर निर्णय लेने की अक्षमता और सत्ता में बने रहने की भूख ने आज डूंगरपुर क्षेत्र को सामाजिक विद्वेष की आग में ढकेलने का काम किया है.
सरकार को घटना या मुद्दे तक सीमित न रहकर क्षेत्र में शांति और सौहार्द की स्थापना तथा विकास को ध्यान में रखकर दीर्घकालीन विस्तृत योजना बनानी चाहिए. जिससे की देश में हिंसा के माध्यम से राजनीतिक जमीन तलाशने वाले राष्ट्रीय तत्वों के मंसूबे सफल न हो. चतुर्वेदी ने राज्य सरकार से डूंगरपुर हिंसा में शामिल दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने और पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.

जयपुर. भारतीय जनता पार्टी ने डूंगरपुर हिंसा मामले में गहलोत सरकार के असफल होने का आरोप लगाया. बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने डूंगरपुर हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया. चतुर्वेदी ने कहा कि जब 18 सितम्बर को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक और डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक ने इन गतिविधियों के बारे में बता दिया तब राज्य सरकार 10 दिन तक किसके इंतजार में बैठी थी.

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चतुर्वेदी ने कहा कि अगर सरकार तुरंत प्रशासनिक-राजनीतिक समाधान शुरू कर देती तो शायद उस पूरे इलाके में अशांति और अराजकता की स्थिति नहीं होती. राज्य सरकार के पास गुप्तचर एजेंसियों के माध्यम से काफी समय पहले ही बाहर से आकर एक विचारधारा के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों को भडकाने और इस आंदोलन में भी दूसरे राज्य के लोगों के आंदोलन में शामिल होकर इसको हिंसक बनाने का प्रयास किया गया, तब भी सरकार ने स्थिति को गंभीरता ने नहीं लिया.

गहलोत पर वार

पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में कहीं न कहीं मुख्यमंत्री द्वारा सत्ता संतुलन बिगड़ने की आशंका के कारण भी प्रभावी कार्यवाही न करना परिलक्षित होता है. सरकार की निष्क्रीयता, समय पर निर्णय लेने की अक्षमता और सत्ता में बने रहने की भूख ने आज डूंगरपुर क्षेत्र को सामाजिक विद्वेष की आग में ढकेलने का काम किया है.
सरकार को घटना या मुद्दे तक सीमित न रहकर क्षेत्र में शांति और सौहार्द की स्थापना तथा विकास को ध्यान में रखकर दीर्घकालीन विस्तृत योजना बनानी चाहिए. जिससे की देश में हिंसा के माध्यम से राजनीतिक जमीन तलाशने वाले राष्ट्रीय तत्वों के मंसूबे सफल न हो. चतुर्वेदी ने राज्य सरकार से डूंगरपुर हिंसा में शामिल दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने और पीड़ित लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.

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