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रावण के साथ मेघनाथ फ्री, फिर भी नहीं बिक रहे पुतले, पटाखों पर सरकार की पाबंदी ने भी डाला ग्राहकी पर असर

पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण ने हर आम से लेकर खास तक को परेशान किया है. हालांकि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने कोरोना गाइडलाइन में कुछ छूट भी दी है. जिसके बाद बाजार भी खोल दिए हैं. इससे धीरे-धीरे व्यापार भी पटरी पर लौटने लगा है. लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो अब भी कोरोना का असर झेलने को मजबूर है.

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रावण के साथ मेघनाथ फ्री, फिर भी नहीं बिक रहा रावण
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Published : Oct 14, 2021, 10:47 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 11:02 PM IST

जयपुर. पूरे देश में शुक्रवार को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. लेकिन यह त्यौहार रावण बनाने वाले कारीगरों के लिए फीका रहने वाला है. कोरोना और पटाखों पर रोक लगने के कारण लोग रावण और मेघनाथ के पुतले खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे. हालत यह हो गए है कि इन कारीगरों के लिए कारोबार में लगा पैसा भी निकालना मुश्किल हो रहा है.

कई जगह पर तो कारीगर रावण के साथ मेघनाथ भी फ्री दे रहे हैं. फिर भी लोग रुचि नहीं दिखा रहे. जयपुर शहर में कई जगहों पर बाहर से आए हुए कारीगर रावण और मेघनाथ के पुतलों का निर्माण कर रहे हैं. इन लोगों के पास रहने तक का ठिकाना नहीं है. जहां भी इन्हें जगह मिलती है वहीं रोड किनारे तंबू लगाकर अपनी दुकान खोल लेते हैं. वहीं पर रहने और खाने का प्रबंध भी करते हैं.

पढ़ें. शर्मनाक सच ! राजस्थान में दलित अत्याचार के मामलों ने बढ़ाई चिंता, गहलोत सरकार बनने के बाद हर साल बढ़ते गए आंकड़े

ये हुनरमंद लोग कर्जा लेकर रावण बनाने का कारोबार तो करते हैं. लेकिन उसमें मुनाफे की जगह नुकसान हो रहा है. राजा पार्क में राम मंदिर के पास रावण और मेघनाथ का पुतला बनाने वाले राजू किशन ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अहमदाबाद से यहां आया है. उसने काफी पैसा भी रावण और मेघनाथ के पुतले बनाने में खर्च कर दिया. इसके बावजूद भी लोग पुतले खरीदने में कोई रुचि नहीं ले रहे. इसके कारण उसका खर्च भी निकलना मुश्किल हो रहा है. राजू किशन ने कहा कि इससे पिछली बार भी कोरोना के कारण उसे नुकसान हुआ था और इस साल भी नुकसान होना तय है.

जयपुर में नहीं बिक रहा रावण

उन्होंने कहा कि सरकार ने पटाखों पर पाबंदी लगा दी है. इसके कारण वह पुतलों में पटाखे नहीं लगा रहे और न ही ग्राहक पटाखे लगा पायेगा. इसके कारण लोग भी रावण नहीं खरीद रहे. ग्राहक आते हैं लेकिन दाम कम करने की बात करते हैं और कहते हैं कि जब पटाखे ही नहीं है तो हम जला कर क्या करेंगे. जयपुर शहर में दर्जनों कारीगर ऐसे हैं, जो बाहर से आए हैं और रावण बनाने का कारोबार करते हैं लेकिन उन्हें इस कारोबार में नुकसान हो रहा है.

पढे़ं. जयपुर में बढ़ता डेंगू का प्रकोप : 13 दिन में 15 हजार बच्चे पहुंचे अस्पताल, 7 दिन तक रिपोर्ट नहीं

रावण बनाने वाले रमेश ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी ग्राहक नहीं है. 2 साल पहले जिस तरह से कारोबार होता था वैसा नहीं हो पा रहा. इस बार भी कारोबार में काफी नुकसान हो रहा है. हम लोग रावण के साथ मेघनाथ भी फ्री देने के लिए तैयार है लेकिन ग्राहक ही नहीं आ रहे सरकार ने भी पटाखों पर पाबंदी लगा दी है. जिसके कारण भी कारोबार कम हो रहा है.

जयपुर. पूरे देश में शुक्रवार को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. लेकिन यह त्यौहार रावण बनाने वाले कारीगरों के लिए फीका रहने वाला है. कोरोना और पटाखों पर रोक लगने के कारण लोग रावण और मेघनाथ के पुतले खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे. हालत यह हो गए है कि इन कारीगरों के लिए कारोबार में लगा पैसा भी निकालना मुश्किल हो रहा है.

कई जगह पर तो कारीगर रावण के साथ मेघनाथ भी फ्री दे रहे हैं. फिर भी लोग रुचि नहीं दिखा रहे. जयपुर शहर में कई जगहों पर बाहर से आए हुए कारीगर रावण और मेघनाथ के पुतलों का निर्माण कर रहे हैं. इन लोगों के पास रहने तक का ठिकाना नहीं है. जहां भी इन्हें जगह मिलती है वहीं रोड किनारे तंबू लगाकर अपनी दुकान खोल लेते हैं. वहीं पर रहने और खाने का प्रबंध भी करते हैं.

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ये हुनरमंद लोग कर्जा लेकर रावण बनाने का कारोबार तो करते हैं. लेकिन उसमें मुनाफे की जगह नुकसान हो रहा है. राजा पार्क में राम मंदिर के पास रावण और मेघनाथ का पुतला बनाने वाले राजू किशन ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अहमदाबाद से यहां आया है. उसने काफी पैसा भी रावण और मेघनाथ के पुतले बनाने में खर्च कर दिया. इसके बावजूद भी लोग पुतले खरीदने में कोई रुचि नहीं ले रहे. इसके कारण उसका खर्च भी निकलना मुश्किल हो रहा है. राजू किशन ने कहा कि इससे पिछली बार भी कोरोना के कारण उसे नुकसान हुआ था और इस साल भी नुकसान होना तय है.

जयपुर में नहीं बिक रहा रावण

उन्होंने कहा कि सरकार ने पटाखों पर पाबंदी लगा दी है. इसके कारण वह पुतलों में पटाखे नहीं लगा रहे और न ही ग्राहक पटाखे लगा पायेगा. इसके कारण लोग भी रावण नहीं खरीद रहे. ग्राहक आते हैं लेकिन दाम कम करने की बात करते हैं और कहते हैं कि जब पटाखे ही नहीं है तो हम जला कर क्या करेंगे. जयपुर शहर में दर्जनों कारीगर ऐसे हैं, जो बाहर से आए हैं और रावण बनाने का कारोबार करते हैं लेकिन उन्हें इस कारोबार में नुकसान हो रहा है.

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रावण बनाने वाले रमेश ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी ग्राहक नहीं है. 2 साल पहले जिस तरह से कारोबार होता था वैसा नहीं हो पा रहा. इस बार भी कारोबार में काफी नुकसान हो रहा है. हम लोग रावण के साथ मेघनाथ भी फ्री देने के लिए तैयार है लेकिन ग्राहक ही नहीं आ रहे सरकार ने भी पटाखों पर पाबंदी लगा दी है. जिसके कारण भी कारोबार कम हो रहा है.

Last Updated : Oct 14, 2021, 11:02 PM IST
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