जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष भेड़ निष्क्रमण (sheep exodus) के दौरान कोरोना महामारी (Corona pandemic) को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जाए. साथ ही जिलों में एंट्री प्वाइंट्स पर भेड़ पालकों की स्क्रीनिंग (Sheep Farmer Screening) के साथ-साथ कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) की व्यवस्था भी जिला प्रशासन की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से की जाए.
उन्होंने कहा कि पशुपालकों के मोबाइल नंबरों के आधार पर आईटी विभाग (IT department) की ओर से इनकी लाइव लोकेशन ट्रैकिंग (Live Location Tracking) की व्यवस्था भी की जाए. साथ ही जन आधार के जरिए निष्क्रमण के दौरान भी इन्हें राशन और गहलोत सरकार (Gehlot Government) की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ निर्बाध मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
मुख्य सचिव निरंजन आर्य (Chief Secretary Niranjan Arya) ने सोमवार को शासन सचिवालय में वीसी के जरिए भेड़ निष्क्रमण वर्ष 2021-22 की पूर्व तैयारियों के संबंध में बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंन कहा कि इस साल भी भेड़ निष्क्रमण (sheep exodus in rajasthan) को निर्बाध तरीके से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण होना सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि कई बार पशुपालकों की भेड़ें उनके रास्ते में पड़ने वाले किसानों के खेतों में घुस जाती हैं, जिससे उनमें और भेड़ पालकों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. आर्य ने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए पुलिस विभाग (Police Department) और जिला प्रशासन प्रोएक्टिव होकर काम करें. भेड़पालकों की ओर से निष्क्रमण के लिए निर्धारित मार्ग से ही गुजरना सुनिश्चित करें. इसके अलावा मार्ग में फेरबदल की स्थिति में यथोचित कार्रवाई और निष्क्रमण के दौरान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें.
आर्य ने कहा कि विभाग की ओर से निष्क्रमण के एन्ट्री प्वाइंट (entry point) चिन्हित करते हुए स्थाई एवं अस्थाई चेकपोस्टों की स्थापना और कार्मिकों की नियुक्ति का काम शीघ्र पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भेड़ों के निष्क्रमण (sheep exodus) के दौरान भेड़ पालकों के मास्क पहनने और सामाजिक दूरी (Social distancing) का पालन करने पर विशेष ध्यान दिया जाए.
निरंजन आर्य ने निर्देश दिए कि जिलों में भेड़ निष्क्रमण (sheep exodus) के सफल संचालन के लिए संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक वीसी के जरिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर और जिले के पशुपालन अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ व्यवस्थाएं सुचारू होना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर पर भेड़ों की दवा, ठहराव आदि की व्यवस्था का भी पुख्ता इंतजाम रखा जाए.
पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) की शासन सचिव आरूषी मलिक ने बताया कि प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भेड़ और हजारों की संख्या में भेड़पालक राज्यों व विभिन्न जिलों से चारे की उपलब्धता के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर निष्क्रमण करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में इनके निर्बाध निष्क्रमण के लिए कुल 191 चेक पोस्ट (Check Post) बनाए जाते हैं.
मलिक ने बताया कि इन चेक पोस्टों पर पशुओं के लिए वैक्सीन (Vaccine) और समुचित दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने बताया कि वर्षा शुरू होते ही भेड़ पालक बड़ी संख्या में राज्य के पठारी जिलों में आना शुरू कर देते हैं. इस बार भी बड़ी संख्या में भेड़ों और पशुपालकों के राजस्थान में निष्क्रमण (sheep exodus in rajasthan) की संभावना है, जिसके लिए विभाग की ओर से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है.