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Vijay Diwas in Jaipur : 1971 के युद्ध वीरों ने कहा- 93 हजार सैनिकों का समर्पण न कोई सेना करवा सकी है और ना करवा पाएगी - Army Sapta Shakti Command

जयपुर में सेना की सप्त शक्ति कमान (Sapta Shakti Command) ने विजय दिवस (Vijay Diwas in Jaipur) मनाया. कार्यक्रम में 1971 युद्ध वीरों ने भारत के जवानों के अदम्य साहस को याद किया. उन्होंने कहा कि 93 हजार सैनिकों का समर्पण न कोई सेना करवा सकी है और ना करवा पाएगी.

Vijay Diwas in Jaipur, India Pakistan war
जयपुर में विजय दिवस कार्यक्रम
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Published : Dec 16, 2021, 4:50 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 9:07 AM IST

जयपुर. 16 दिसंबर 1971 में पाकिस्तान पर भारतीय सेना की जीत (1971 war) को पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध (India Pakistan war) को 50 साल पूरे हुए हैं. ऐसे में इस साल को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा था. जिसका गुरुवार को समापन हुआ. भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के सभी स्टेशनों पर भी विजय दिवस मनाया गया.

इसके तहत सप्तशती कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एस भिंडर ने जयपुर के प्रेरणा स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि (Swarnim Vijay Varsh programme in Jaipur) दी. आज से ठीक 50 साल पहले 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान को पराजित किया. जिसके चलते पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश का गठन हुआ.

जयपुर में विजय दिवस कार्यक्रम

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी सेना का यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था, जो कि ढाका में हुआ. जब पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने पाकिस्तान सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी से 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण को स्वीकार कर लिया. भारतीय सेना के इस जीत ने साहस, समर्पण के साथ इतिहास के पाठ्यक्रम को बदल दिया. जिससे राष्ट्र को गौरव और सम्मान मिला. वहीं युद्ध में शामिल एक योद्धा ने बताया कि भारत-पाक वार में राजस्थान के सैनिकों का बड़ा योगदान रहा है.

यह भी पढ़ें. विजय दिवस: जब सिर्फ 13 दिन में ही भारत ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया

वीरांगनाओं और युद्ध में शामिल वेटरन्स का सम्मान

1971 के युद्ध में भारतीय सेना को मिली जीत की यह 50वीं वर्षगांठ है. इस साल को भारतीय सैनिकों के सम्मान में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसके लिए 4 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली से चार विजय मसाल रवाना की गई, जो युद्ध का हिस्सा रहे सैनिकों के गांव से होते हुए देश के चार प्रमुख दिशाओं में भेजी गई. इसी के तहत पश्चिमी कॉर्डिनल दिशा के लिए विजय मशाल अप्रैल महीने में सप्त शक्ति कमान के क्षेत्र में पहुंची. जिसके तहत शहीदों की वीरांगनाओं और युद्ध में अपनी भूमिका निभाने वाले वेटरन्स का सम्मान किया गया. साथ ही सैन्य बैंड प्रदर्शन, मैराथन और अन्य गतिविधियां आयोजित की गई.

यह भी पढ़ें. गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे राजस्थान एनसीसी के 57 कैडेट्स, रवाना होने से पहले कैडेट्स ने दिखाया जोश और उत्साह

कई कार्यक्रम हुए आयोजित

1971 के युद्ध वीरों को सम्मानित करने के लिए प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसके तहत 18 और 19 सितंबर को जयपुर में मिनी मैराथन, इक्विपमेंट डिस्प्ले और पोलो ग्राउंड में आर्मी मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले भी आयोजित किए गए.

जयपुर. 16 दिसंबर 1971 में पाकिस्तान पर भारतीय सेना की जीत (1971 war) को पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध (India Pakistan war) को 50 साल पूरे हुए हैं. ऐसे में इस साल को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा था. जिसका गुरुवार को समापन हुआ. भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के सभी स्टेशनों पर भी विजय दिवस मनाया गया.

इसके तहत सप्तशती कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एस भिंडर ने जयपुर के प्रेरणा स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि (Swarnim Vijay Varsh programme in Jaipur) दी. आज से ठीक 50 साल पहले 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान को पराजित किया. जिसके चलते पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश का गठन हुआ.

जयपुर में विजय दिवस कार्यक्रम

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी सेना का यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था, जो कि ढाका में हुआ. जब पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने पाकिस्तान सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी से 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण को स्वीकार कर लिया. भारतीय सेना के इस जीत ने साहस, समर्पण के साथ इतिहास के पाठ्यक्रम को बदल दिया. जिससे राष्ट्र को गौरव और सम्मान मिला. वहीं युद्ध में शामिल एक योद्धा ने बताया कि भारत-पाक वार में राजस्थान के सैनिकों का बड़ा योगदान रहा है.

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वीरांगनाओं और युद्ध में शामिल वेटरन्स का सम्मान

1971 के युद्ध में भारतीय सेना को मिली जीत की यह 50वीं वर्षगांठ है. इस साल को भारतीय सैनिकों के सम्मान में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसके लिए 4 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली से चार विजय मसाल रवाना की गई, जो युद्ध का हिस्सा रहे सैनिकों के गांव से होते हुए देश के चार प्रमुख दिशाओं में भेजी गई. इसी के तहत पश्चिमी कॉर्डिनल दिशा के लिए विजय मशाल अप्रैल महीने में सप्त शक्ति कमान के क्षेत्र में पहुंची. जिसके तहत शहीदों की वीरांगनाओं और युद्ध में अपनी भूमिका निभाने वाले वेटरन्स का सम्मान किया गया. साथ ही सैन्य बैंड प्रदर्शन, मैराथन और अन्य गतिविधियां आयोजित की गई.

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कई कार्यक्रम हुए आयोजित

1971 के युद्ध वीरों को सम्मानित करने के लिए प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसके तहत 18 और 19 सितंबर को जयपुर में मिनी मैराथन, इक्विपमेंट डिस्प्ले और पोलो ग्राउंड में आर्मी मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले भी आयोजित किए गए.

Last Updated : Dec 17, 2021, 9:07 AM IST
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