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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत अर्जी पर बहस पूरी, फैसला कल - Money laundering case

खान आवंटन घूस कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी तमन्ना बेगम की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली है. अदालत मामले में गुरुवार यानी 3 सितंबर को अपना फैसला देगी.

Mine allocation bribe case,  Money laundering case
जिला एवं सेशन न्यायालय, जयपुर
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Published : Sep 2, 2020, 7:35 PM IST

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूस कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी तमन्ना बेगम की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली है. अदालत मामले में गुरुवार को अपना फैसला देगी.

जमानत अर्जी में कहा गया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उसे बिना कारण मामले में आरोपी बनाया है. उसने सिर्फ 2.55 करोड़ रुपए की राशि पर अपना क्लेम किया था. इसके अलावा वह बीमार महिला है. वहीं, प्रकरण में सह आरोपियों को जमानत का लाभ दिया जा चुका है. इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए.

पढ़ें- अयोग्य व्यक्ति को सहायक औषधि नियंत्रक बनाए जाने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पूनिया ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत राशि पर क्लेम करना अपने आप में अपराध है. प्रकरण में सह आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी और राशिद शेख को हाईकोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि आरोपी तमन्ना बेगम कोर्ट में समर्पण किया था, तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में चल रही है.

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब...

राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुभव नहीं होने के बाद भी सहायक औषधि नियंत्रक को औषधि नियंत्रक के पद पर पदोन्नत करने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, उप सचिव और पदोन्नत किए गए अधिकारी राजाराम शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश जवाब दो सरकार संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान आवंटन घूस कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी तमन्ना बेगम की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली है. अदालत मामले में गुरुवार को अपना फैसला देगी.

जमानत अर्जी में कहा गया कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उसे बिना कारण मामले में आरोपी बनाया है. उसने सिर्फ 2.55 करोड़ रुपए की राशि पर अपना क्लेम किया था. इसके अलावा वह बीमार महिला है. वहीं, प्रकरण में सह आरोपियों को जमानत का लाभ दिया जा चुका है. इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए.

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इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पूनिया ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत राशि पर क्लेम करना अपने आप में अपराध है. प्रकरण में सह आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी और राशिद शेख को हाईकोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि आरोपी तमन्ना बेगम कोर्ट में समर्पण किया था, तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में चल रही है.

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब...

राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुभव नहीं होने के बाद भी सहायक औषधि नियंत्रक को औषधि नियंत्रक के पद पर पदोन्नत करने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, उप सचिव और पदोन्नत किए गए अधिकारी राजाराम शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश जवाब दो सरकार संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.

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