जयपुर. अर्चना शर्मा सुसाइड मामले में FSL रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. भाजपा ने हैदराबाद या दिल्ली की लैब से जांच करवाने की मांग की है. इस मामले में मंगलवार को जयपुर में प्रदेश भाजपा पत्रकारों से मुखातिब हुए जितेंद्र गोठवाल ने (Dausa Lady Doctor Suicide Case) राजस्थान पुलिस की एफएसएल रिपोर्ट में हुई दस्तखत की तस्दीक करते आरोप लगाया कि मृतक अर्चना शर्मा के ओरिजिनल दस्तखत से यह दस्तखत नहीं मिलते हैं.
गोठवाल ने कहा कि एक साधारण बुद्धि वाला व्यक्ति भी दोनों हस्ताक्षर देखकर यह बता सकता है कि दोनों ही हस्ताक्षर बिन है एक हस्ताक्षर में अर्चा शर्मा पूरी एक लाइन में लिखा हुआ है. जबकि दूसरे हस्ताक्षर में अर्चना अलग और शर्मा अलग लाइन में लिखा हुआ है. गोठवाल ने कहा कि (BJP State Minister Jitendra Gothwal) प्रदेश सरकार इस मामले में जानबूझकर मुझे फसाना चाह रही थी, लेकिन मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है और अब एफएसएल रिपोर्ट में यदि हस्ताक्षर की निष्पक्ष जांच अन्य लैब से कराई जाए तो यह साबित भी हो जाएगा.
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जितेंद्र गोठवाल ने इस सिलसिले में प्रदेश होम सेक्रेट्री अभय कुमार को भी ज्ञापन देकर मौजूदा एफएसएल रिपोर्ट कि दोबारा जांच करवाने की मांग की है. निष्पक्ष जांच के लिए गोठवाल ने हैदराबाद या दिल्ली की लैब से यह जांच करवाने का आग्रह किया है. भाजपा प्रदेश मंत्री का यह भी कहना है कि यदि इस प्रकरण और सुसाइड नोट की निष्पक्ष जांच होगी तो मृतक डॉ. अर्चना शर्मा के परिजनों को भी न्याय मिल पाएगा.
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गौरतलब है कि 28 मार्च को दौसा में महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा द्वारा किए गए प्रसव से जुड़े ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतका के परिजनों और अन्य स्थानीय लोगों ने महिला चिकित्सक पर (Archana Sharma Suicide Note) आरोप लगाए जिससे प्रताड़ित होकर महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल को भी पुलिस ने नामजद कर कार्रवाई की थी.