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कोरोना संक्रमण की रोकथाम में स्वयंसेवी संस्थाएं सहयोग करें - संगीता बेनीवाल - Child Rights Protection Commission webinar

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कोरोना महामारी से प्रभावित परिवारों, विशेष तौर पर बच्चों की मदद करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से मदद की अपील की है.

Rajasthan State Child Rights Protection Commission Chairman Sangeeta Beniwal
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल वीसी
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Published : May 18, 2021, 9:57 PM IST

Updated : May 19, 2021, 7:12 AM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम सभी का नैतिक दायित्व है कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना महामारी को रोकने और रोगियों की उपचार के लिए किए जा रहे प्रयासों में पूर्ण सहयोग प्रदान करें.

यह विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने विभिन्न राज्य स्तरीय स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वेबीनार के माध्यम से व्यक्त किए. बेनीवाल ने कहा कि विशेषज्ञ एवं चिकित्सक कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त कर रहे हैं. जिसका प्रभाव मुख्यतः बच्चों पर होने की आशंका जताई जा रही है. कई अभिभावक और बच्चे इस खबर से ड़रे हुए हैं. हमें इससे ड़रना नहीं चाहिए, बल्कि सुरक्षा के उपाय करने चाहिएं.

क्योंकि अभी तक 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को ही वेक्सीन लगाई जा रही है. 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को विशेष सावधानियां रखते हुए कोरोना संक्रमण रोकने के लिए गाइडलाइन की पूर्ण पालना करनी चाहिए. जैसे- घर पर ही रहना, मास्क सैनेटाइजर का उपयोग करना, शारिरिक दूरी इत्यादि का ध्यान रखना.

आयोग अध्यक्ष ने स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अपील की है कि इस कठिन समय में अधिक से अधिक सहयोग उपलब्ध कराएं. बाल आयोग की ओर से प्रदेश के समस्त बालगृहों में आवासित बच्चों और अन्य बच्चों की सुरक्षा के लिए पूर्ण मॉनिटरिंग की जा रही है. सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सभी निजी और राजकीय बाल गृहों में थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, सेनेटाइजर, मास्क, इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने तथा गृह में आवासित/कार्यरत 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का वैक्शीनेशन अनिवार्य रूप से करवाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है.

पढ़ें- SPECIAL : वैक्सीनेशन में बिजली कर्मचारियों के साथ भेदभाव...70 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

बालिकाओं को निशुल्क उपलब्ध करवाए जाने वाले सैनेटरी पैड लॉकडाउन के दौरान भी उपलब्ध करवाने हेतु चिकित्सा विभाग एवं शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है. इस दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की ओर से उनके कार्यों, कोरोना संक्रमितों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं, इत्यादि की जानकारी देते हुए आयोग अध्यक्ष की ओर से की गई अपील अनुसार हरसंभव आर्थिक सहयोग करने तथा बच्चों के लिए मास्क, सैनेटाइजर, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर इत्यादि भी बालगृहों एवं संक्रमित बालकों के लिए उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया गया.

उपस्थित प्रतिनिधियों ने आयोग अध्यक्ष की ओर से नागौर जिले में चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेन्टर बनाये जाने की पहल की सराहना करते हुए इस तरह के चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेन्टर सभी जिलों में संचालित करवाने का निवेदन किया. वेबीनार में आयोग के सदस्य डॉ विजेन्द्र सिंह, डॉ शैलेन्द्र पण्ड्या, शिव भगवान नागा, नुसरत नकवी, सहित यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रन, वर्ल्ड विजन, एक्शन एड, फ्रीडम फंड, नया सवेरा, गायत्री सेवा संस्थान, शिव शिक्षा समिति, वाग्धारा, बचपन बचाओ आंदोलन और अन्य 50 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

जयपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम सभी का नैतिक दायित्व है कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना महामारी को रोकने और रोगियों की उपचार के लिए किए जा रहे प्रयासों में पूर्ण सहयोग प्रदान करें.

यह विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने विभिन्न राज्य स्तरीय स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वेबीनार के माध्यम से व्यक्त किए. बेनीवाल ने कहा कि विशेषज्ञ एवं चिकित्सक कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना व्यक्त कर रहे हैं. जिसका प्रभाव मुख्यतः बच्चों पर होने की आशंका जताई जा रही है. कई अभिभावक और बच्चे इस खबर से ड़रे हुए हैं. हमें इससे ड़रना नहीं चाहिए, बल्कि सुरक्षा के उपाय करने चाहिएं.

क्योंकि अभी तक 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को ही वेक्सीन लगाई जा रही है. 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को विशेष सावधानियां रखते हुए कोरोना संक्रमण रोकने के लिए गाइडलाइन की पूर्ण पालना करनी चाहिए. जैसे- घर पर ही रहना, मास्क सैनेटाइजर का उपयोग करना, शारिरिक दूरी इत्यादि का ध्यान रखना.

आयोग अध्यक्ष ने स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अपील की है कि इस कठिन समय में अधिक से अधिक सहयोग उपलब्ध कराएं. बाल आयोग की ओर से प्रदेश के समस्त बालगृहों में आवासित बच्चों और अन्य बच्चों की सुरक्षा के लिए पूर्ण मॉनिटरिंग की जा रही है. सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में सभी निजी और राजकीय बाल गृहों में थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, सेनेटाइजर, मास्क, इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने तथा गृह में आवासित/कार्यरत 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का वैक्शीनेशन अनिवार्य रूप से करवाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है.

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बालिकाओं को निशुल्क उपलब्ध करवाए जाने वाले सैनेटरी पैड लॉकडाउन के दौरान भी उपलब्ध करवाने हेतु चिकित्सा विभाग एवं शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है. इस दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की ओर से उनके कार्यों, कोरोना संक्रमितों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं, इत्यादि की जानकारी देते हुए आयोग अध्यक्ष की ओर से की गई अपील अनुसार हरसंभव आर्थिक सहयोग करने तथा बच्चों के लिए मास्क, सैनेटाइजर, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर इत्यादि भी बालगृहों एवं संक्रमित बालकों के लिए उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया गया.

उपस्थित प्रतिनिधियों ने आयोग अध्यक्ष की ओर से नागौर जिले में चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेन्टर बनाये जाने की पहल की सराहना करते हुए इस तरह के चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेन्टर सभी जिलों में संचालित करवाने का निवेदन किया. वेबीनार में आयोग के सदस्य डॉ विजेन्द्र सिंह, डॉ शैलेन्द्र पण्ड्या, शिव भगवान नागा, नुसरत नकवी, सहित यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रन, वर्ल्ड विजन, एक्शन एड, फ्रीडम फंड, नया सवेरा, गायत्री सेवा संस्थान, शिव शिक्षा समिति, वाग्धारा, बचपन बचाओ आंदोलन और अन्य 50 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

Last Updated : May 19, 2021, 7:12 AM IST
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