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एपीओ अधिकारी ने रेलवे पार्सल कार्यालय पर मांस की छानबीन की, मुख्यमंत्री और यूडीएच मंत्री तक पहुंची शिकायत - मांस की छानबीन

एपीओ चल रहे नोडल अधिकारी डॉक्टर हरेंद्र सिंह अधिकारी गिरी दिखाने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल चेक करने चले गए. इसका मीट व्यापारियों ने विरोध किया है. साथ ही इन लोगों ने विधायक अमीन कागजी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.

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एपीओ अधिकारी ने रेलवे पार्सल कार्यालय पर मांस की छानबीन की
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Published : Feb 6, 2021, 11:05 PM IST

जयपुर. मृत पशु उठाने के लिए वसूली के मामले में एपीओ चल रहे नोडल अधिकारी डॉक्टर हरेंद्र सिंह एपीओ होने के बावजूद खुद अधिकारी गिरी दिखाने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल चेक करने चले गए. हरेंद्र सिंह ने जीआरपी पुलिस के अधिकारियों के सामने खुद को नगर निगम का वरिष्ठ अधिकारी बता कर छानबीन की. बाद में मौके पर उप महापौर के पहुंचने पर गायब हो गए. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, यूडीएच मंत्री, परिवहन मंत्री और महापौर समेत कांग्रेस विधायकों तक पहुंच गई. मीट व्यापारियों ने विधायक अमीन कागजी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.

बता दें कि जयपुर रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय पर सीकर से बकरे का मीट बेंगलुरु जाने के लिए आया था. मामला पिछले बुधवार का है. किसी ने बकरे के मीट को गोमांस बताते हुए जीआरपी पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही जीआरपी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई. पुलिस ने नगर निगम के अधिकारियों को भी सूचना दी. जीआरपी डीएसपी सुरेंद्र शेखावत और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे वहीं मामले की जानकारी मिलते ही वेटरनरी डॉक्टर लक्ष्मीकांत शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.

इसी बीच एपीओ चल रहे डॉक्टर हरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए और खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताकर मीट को अवैध बताया. डॉक्टर हरेंद्र सिंह ने मीट को अवैध बताकर नष्ट करने की कार्रवाई के निर्देश दिए. मौके पर मीट व्यापारियों के दस्तावेज चेक किए गए तो 13 नग की पर्ची जयपुर नगर निगम की पाई गई, जिसे वेध मानकर रिलीज कर दिया गया. वहीं करीब 300 से अधिक नग सीकर से आए थे, जिनकी पर्ची भी सीकर की ही थी, जिसे अवैध बताकर नष्ट करने की कार्रवाई के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें- चूरू गैंगवार मामले पर सांसद राहुल कस्वां का बयान, एसओजी कार्यालय खोलने की मांग

धीरे-धीरे मामला ज्यादा बढ़ने लगा. जैसे ही नगर निगम की गाड़ियां मीट को नष्ट करने के लिए रवाना होने लगी तो मीट व्यापारियों ने विरोध जताया और डिप्टी मेयर समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही हेरिटेज नगर निगम के डिप्टी मेयर असलम फारुकी आधा दर्जन पार्षदों के साथ रेलवे पार्सल कार्यालय पहुंचे और मीट को वैध बताते हुए रिलीज करवा दिया था. जयपुर मीट मर्चेंट एसोसिएशन की ओर से कांग्रेस विधायक, यूडीएच मंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत की गई. एसोसिएशन की ओर से हरेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. मीट व्यापारियों ने एपीओ चल रहे नगर निगम अधिकारी हरेंद्र सिंह पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है.

जयपुर. मृत पशु उठाने के लिए वसूली के मामले में एपीओ चल रहे नोडल अधिकारी डॉक्टर हरेंद्र सिंह एपीओ होने के बावजूद खुद अधिकारी गिरी दिखाने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल चेक करने चले गए. हरेंद्र सिंह ने जीआरपी पुलिस के अधिकारियों के सामने खुद को नगर निगम का वरिष्ठ अधिकारी बता कर छानबीन की. बाद में मौके पर उप महापौर के पहुंचने पर गायब हो गए. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, यूडीएच मंत्री, परिवहन मंत्री और महापौर समेत कांग्रेस विधायकों तक पहुंच गई. मीट व्यापारियों ने विधायक अमीन कागजी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.

बता दें कि जयपुर रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय पर सीकर से बकरे का मीट बेंगलुरु जाने के लिए आया था. मामला पिछले बुधवार का है. किसी ने बकरे के मीट को गोमांस बताते हुए जीआरपी पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही जीआरपी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई. पुलिस ने नगर निगम के अधिकारियों को भी सूचना दी. जीआरपी डीएसपी सुरेंद्र शेखावत और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे वहीं मामले की जानकारी मिलते ही वेटरनरी डॉक्टर लक्ष्मीकांत शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.

इसी बीच एपीओ चल रहे डॉक्टर हरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए और खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताकर मीट को अवैध बताया. डॉक्टर हरेंद्र सिंह ने मीट को अवैध बताकर नष्ट करने की कार्रवाई के निर्देश दिए. मौके पर मीट व्यापारियों के दस्तावेज चेक किए गए तो 13 नग की पर्ची जयपुर नगर निगम की पाई गई, जिसे वेध मानकर रिलीज कर दिया गया. वहीं करीब 300 से अधिक नग सीकर से आए थे, जिनकी पर्ची भी सीकर की ही थी, जिसे अवैध बताकर नष्ट करने की कार्रवाई के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें- चूरू गैंगवार मामले पर सांसद राहुल कस्वां का बयान, एसओजी कार्यालय खोलने की मांग

धीरे-धीरे मामला ज्यादा बढ़ने लगा. जैसे ही नगर निगम की गाड़ियां मीट को नष्ट करने के लिए रवाना होने लगी तो मीट व्यापारियों ने विरोध जताया और डिप्टी मेयर समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा पार्षदों को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही हेरिटेज नगर निगम के डिप्टी मेयर असलम फारुकी आधा दर्जन पार्षदों के साथ रेलवे पार्सल कार्यालय पहुंचे और मीट को वैध बताते हुए रिलीज करवा दिया था. जयपुर मीट मर्चेंट एसोसिएशन की ओर से कांग्रेस विधायक, यूडीएच मंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत की गई. एसोसिएशन की ओर से हरेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. मीट व्यापारियों ने एपीओ चल रहे नगर निगम अधिकारी हरेंद्र सिंह पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है.

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