हिसारः फरीदपुर की बेटी और हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात पर्वतारोही अनीता कुंडू ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी अकोंकागुआ को फतह कर लिया है. अनीता कुंडू ने बुधवार को सुबह करीब 12 बजे अकोंकागुआ के शिखर पर तिरंगा लहरा दिया. अनीता ने अपने सेवन समिट अभियान के अंतर्गत छठे महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है.
अनिता कुंडू 7 महाद्वीपों में से 6 महाद्वीपों एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अंटार्टिका, दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर चुकी हैं. अनीता कुंडू की इस उपलब्धि से परिवार में भी खुशी का माहौल है. अनीता कुंडू ने हड्डियों को गला देने वाली ठंड, ऑक्सीजन की बेहद कमी, बर्फीली हवाओं को मात देते हुए इस चोटी पर विजय हासिल की है.
परिवार को अनीता पर पूरा विश्वास
अनीता के परिजनों ने बताया, कि नए साल के मौके पर अनीता ने इस चोटी को फतह कर एक और खुशी दी है. हालांकि अनीता कुंडू से 3 दिन तक संपर्क नहीं होने के कारण परेशानी का माहौल था, फिर सूचना मिली की चोटी को फतह किया जा चुका है. परिवार को विश्वास था, कि अनीता इस चोटी को फतह करेगी.
हर मां की तरह मुझे भी हुई चिंता- अनीता की मां
अनीता कुंडू की मां ने कहा, कि जब अनीता का कॉल नहीं आया तो हर मां की तरह उन्हें भी चिंता हुई, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था. उन्होंने कहा, कि वो किसी को भी अपनी परेशानी बता कर दुखी नहीं करना चाहती थीं, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों को इस बारे में चिंता हो रही थी. जब उन्हें चोटी को फतह करने की सूचना मिली तो खुशी हुई.
ये भी पढ़ेंः खनन माफियाओं ने बनाया व्हॉट्स ऐप नेटवर्क, हर रेड से पहले पहुंच जाती है जानकारी
अनीता जारी रखेंगी अपना अभियान- अनीता की बहन
अनीता कुंडू की बहन ने बताया, कि चोटी को फतह करने से पहले अनीता काफी बेचैन थी, लेकिन अकोंकागुआ चोटी को फतह करने के बाद की खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, कि सेवन समिट अभियान के पूरा होने के बाद भी अनीता कुंडू इस प्रकार के अभियान जारी रखेंगी.
अनीता की उपलब्धियां
- दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर 3 बार विजय.
- नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से एवरेस्ट को फतह करने वाली हिंदुस्तान की इकलौती बेटी.
- एवरेस्ट के ही समान माउंट मनाशूल पर विजय.
- सतोपंथ, कोकस्टेट आदि हिंदुस्तान की चोटियों पर विजय.
बता दें, कि अनीता सभी भाई बहनों में सबसे बड़ी है. अनीता के पिता का देहांत हुआ तो उनकी उम्र 13 साल थी. वो विपरीत हालातों से भी लड़ीं और कई उपलब्धियां अपने देश के नाम की. पर्वतारोहण बहुत महंगा है. अनीता ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने एवरेस्ट के तीन अभियान किए. इसके बाद राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने अनीता को अपनी कंपनी एसआईएस और हिंदुस्तान समाचार समूह का ब्रांड एंबेसडर बनाया और उनके सभी अभियानों के खर्च को उठाया.