जयपुर. प्रदेश में गरीब मजदूरों की बेटियों के लिए संचालित शुभ शक्ति योजना का समुचित लाभ पात्र बेटियों को नहीं मिल पा रहा है. राजस्थान विधानसभा के शून्य काल में भाजपा विधायक अनिता भदेल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया, लेकिन जो जवाब श्रम मंत्री टीकाराम जूली की ओर से सामने आया उसके बाद यह साफ हो गया कि प्रदेश में इस योजना के तहत लंबित प्रकरणों की लंबी फेहरिस्त है और फंड के अभाव में इसका लाभ बेटियों को नहीं मिल पा रहा.
अनिता भदेल की ओर से लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रदेश में कई योजनाएं चल रही हैं, इसमें शुभ शक्ति योजना भी है, जिसके जरिए 8वीं कक्षा तक पढ़ी लिखी मजदूरों की बच्चियों को सशक्त बनाना और शिक्षित बनाना है. मंत्री ने कहा कि विवाह के दौरान भी इसके तहत मदद मिलती है. श्रम मंत्री के अनुसार गरीब कल्याण और मजदूर कल्याण के लिए चल रही योजनाओं में प्राथमिकता में यह योजना नीचे के पायदान में है और श्रम विभाग को इन योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार का भी कोई सहयोग नहीं मिलता, बल्कि जो निर्माण होता है उस में लगाए जाने वाले निर्माण सेस के जरिए ही इन योजनाओं का संचालन होता है.
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मंत्री ने यह भी कहा कि शुभ शक्ति योजना के तहत 278000 आवेदन आए, जिसके एवज में 1534 करोड़ रुपए की राशि की देनदारी है, वर्तमान में यह बहुत अधिक है और योजना के तहत दी जाने वाली राशि जिस मंडल के तहत दी जाती है, उसकी वर्तमान वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में हमने पहले चरण के तहत मार्च 2017 तक इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण करने की योजना बनाई है.
इस पर विधायक अनिता भदेल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप प्रदेश में 1 जनवरी 2016 को यह योजना लागू करते हैं और अब तक मार्च 2017 के भी लंबित आवेदन पड़े होने की बात कहते हैं. भदेल ने कहा कि आवेदन करने वाली बच्चियों की शादी भी हो गई और उनके खुद के बच्चे हो गए और वह मां बन गईं, लेकिन अब तक उन्हें इस योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं दी गई. ऐसे में मंत्री जी या तो राज्य सरकार से उधार लेकर एक साथ इस योजना के तहत आवेदन किए गए बच्चियों को योजना की राशि दें और निर्माण से जब पैसा आए तब सरकार का उधार चुका दें. वहीं, मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि अजमेर में साल 2016 में इस योजना के तहत 268 और साल 2017 में 795 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से मार्च 2017 तक की प्रेगनेंसी अजमेर जिले की अगले 7 दिन में निस्तारित करवा दी जाएगी.