जयपुर. उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने उद्योग विभाग की एमनेस्टी स्कीम-2021 की अवधि को 31 मार्च 2023 तक बढ़ाए जाने की सहमति प्रदान की (Amnesty scheme extended till 2023) है. उद्योग मंत्री ने शुक्रवार को शासन सचिवालय में ली अहम बैठक के बाद यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में कई बंद इकाइयों के पुनर्जीवन का नया रास्ता खुलेगा. साथ ही कई इकाइयों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में भी राहत मिलेगी. रावत ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उद्योग विभाग में राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना के अंतर्गत 1990 से 1998 तक 13 हजार 413 औद्योगिक इकाइयों को 5 वर्ष तक उत्पादन में रहने की शर्त पर 308 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया था. अपरिहार्य कारणों के चलते इनमें से 565 इकाइयां शर्तों की पालना नहीं कर पाई. इन सभी कंपनियों से ब्याज सहित अनुदान की राशि प्राप्त करने का प्रावधान था.
उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इन इकाइयों से जुड़े उद्यमियों को राहत देने के लिए मूल अनुदान राशि का 50 फीसदी अनुदान जमा कराने पर शेष 50 फीसदी मूल अनुदान और समस्त ब्याज माफ करने का प्रावधान रखा. इन 565 इकाइयों में से 77 इकाइयों को लगभग सवा करोड़ रुपए का राजस्व मिल चुका है. उन्होंने कहा कि योजना की तिथि में बढ़ोतरी राज्य में औद्योगिक गतिविधियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी. प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने राज्य सरकार के इस निर्णय की सराहना की है और इसे कमजोर इकाइयों के लिए बड़ा संबल बताया है. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता, उद्योग आयुक्त महेन्द्र कुमार पारख सहित आला अधिकारीगण उपस्थित रहे.
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केंद्रीय वाणिज्य मंत्री को लिखा पत्र: रावत ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर राज्य के जेम्स एंड ज्वेलरी आधारित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को कस्टम्स ड्यूटी एवं जीएसटी मुक्त कीमती धातुओं की आपूर्ति पुनः प्रारंभ करने के लिए अनुरोध किया (demand of tax relaxation) है. रावत ने पत्र में लिखा कि राजस्थान जेम्स एंड ज्वेलरी उत्पादों का प्रमुख उत्पादक राज्य है. राज्य में डायमंड तथा अन्य रंगीन रत्नों से जड़ित गोल्ड सिल्वर तथा प्लेटिनम ज्वेलरी का उत्पादन एवं निर्यात प्रमुखता से किया जाता है.
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उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अनुसार कीमती धातु जैसे गोल्ड, सिल्वर, प्लेटिनम इत्यादि का आयात विदेश नीति में वर्णित एजेंसीज अथवा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अधिकृत बैंको द्वारा ही किया जा सकता है. उन्होंने लिखा कि इन एजेंसीज अथवा बैंको द्वारा ही ज्वेलरी निर्यातकों को कस्टम्स ड्यूटी एवं जीएसटी मुक्त कीमती धातुएं उपलब्ध करवाई जाती रही हैं.